President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान, 18 जुलाई को मतदान, 21 को घोषित होंगे परिणाम

वोट मार्क करने के लिए आयोग विशेष पेन की आपूर्ति करेगा. मतपत्र सौंपे जाने पर नामित अधिकारी द्वारा मतदान केंद्र में मतदाताओं को पेन दिया जाएगा. मतदाताओं को केवल इस विशेष पेन से मतपत्र अंकित करना होता है न कि किसी अन्य पेन से. मतगणना के समय किसी अन्य पेन का उपयोग करके मतदान करने पर मत अमान्य हो जाएगा.

राष्ट्रपति भवन (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: भारत (India) के अगले राष्ट्रपति (President) का चुनाव 18 जुलाई को होगा और वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Elections) के लिए कार्यक्रम की घोषणा की. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि राजनीतिक दल (Political Parties) राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के मामले में अपने सांसदों और विधायकों को कोई व्हिप जारी नहीं कर सकते हैं. President Election 2022: 18 जुलाई को होगा राष्ट्रपति चुनाव, 21 जुलाई को आएंगे नतीजे- व्हिप जारी करने पर होगी पाबंदी

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.

चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 जून होगी. इसके अलावा नामांकन पत्रों की जांच 30 जून को होगी और नामांकन पत्र वापस लेने का अंतिम दिन 2 जुलाई होगा. यदि आवश्यक हुआ तो मतदान 18 जुलाई को होगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी. इस चुनाव के लिए राज्यसभा के महासचिव रिटनिर्ंग ऑफिसर होंगे.

राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं.

राज्यसभा और लोकसभा या राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं और इसलिए, वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं हैं. इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति के पद के लिए निर्वाचक नहीं होते हैं.

कुमार ने कहा, "राज्य विधानसभाओं और संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के मतों का मूल्य (वैल्यू) संविधान के अनुच्छेद 55(2) द्वारा नियंत्रित होता है. 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए विधायकों के मतों का कुल मूल्य 5,43,231, जबकि सांसदों के लिए वोटों की संख्या का कुल मूल्य 5,43,200 है. राष्ट्रपति चुनाव, 2022 के लिए मतदाताओं के वोट का कुल मूल्य 10,86,431 है."

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "संसद सदस्यों से संसद भवन में मतदान के स्थान पर अपना वोट डालने की उम्मीद की जाती है और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों से संबंधित राज्य विधानसभा में मतदान करने की उम्मीद की जाती है."

कुमार ने उल्लेख किया कि राष्ट्रपति के पद का चुनाव गुप्त मतदान द्वारा होगा और इसलिए, मतदाताओं से ईमानदारी से वोट की गोपनीयता बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है और मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन पर पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्र को रद्द कर दिया जाएगा.

कुमार ने कहा, "यह भी स्पष्ट किया जाता है कि राजनीतिक दल राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के मामले में अपने सांसदों और विधायकों को कोई व्हिप जारी नहीं कर सकते हैं."

वोट मार्क करने के लिए आयोग विशेष पेन की आपूर्ति करेगा. मतपत्र सौंपे जाने पर नामित अधिकारी द्वारा मतदान केंद्र में मतदाताओं को पेन दिया जाएगा. मतदाताओं को केवल इस विशेष पेन से मतपत्र अंकित करना होता है न कि किसी अन्य पेन से. मतगणना के समय किसी अन्य पेन का उपयोग करके मतदान करने पर मत अमान्य हो जाएगा.

चुनाव को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए भी विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. चुनाव आयोग ने संबंधित रिटनिर्ंग अधिकारी और सहायक रिटनिर्ंग अधिकारियों को पर्यावरण के अनुकूल और बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग सुनिश्चित करने और निषिद्ध प्लास्टिक या सामग्री के उपयोग को समाप्त करने का निर्देश दिया है. मतगणना नई दिल्ली में रिटनिर्ंग ऑफिसर की देखरेख में होगी.

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