Poverty Decline in UP: उत्तर प्रदेश में विकास की एक नई गाथा लिखी जा रही है, जहां गरीबी के साए से लाखों परिवार मुक्त हो रहे हैं. निति आयोग की रिपोर्ट के मुतबाकि यूपी में पिछले 9 साल में 5.94 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से ऊपर उठ चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसपर खुशी जताई है.
सीएम योगी ने इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और 'मोदी की गारंटी' का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
बहुआयामी गरीबी उन्मूलन की दिशा में भारत की यात्रा में उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कुशल एवं प्रभावी नीतियों के साथ, यूपी में 5.94 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाया गया है।
यह आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के सशक्त और समृद्ध भारत के विजन के…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 15, 2024
यूपी सरकार ने भी राज्य के गरीब लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने और उनकी आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने, कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण लाने और पर्यटन को बढ़ावा देने जैसी योजनाओं ने लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर दिए हैं.
भारत में 24.82 करोड़ लोग गरीबी से मुक्त हुए
नीति आयोग ने देश में गरीबी को एक रिपोर्ट जारी किया है. आयोग 2022-23 के लिए जारी रिपोर्ट में कहा कि पिछले 9 साल में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं. प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई.
किस राज्य से कितने लोग गरीबी रेखा से हुए बाहर?
यूपी में पिछले 9 वर्षों में सबसे ज्यादा 5.94 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं. दूसरे नंबर पर बिहार है, जहां 3.77 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 2.30 करोड़ और राजस्थान में 1.87 करोड़ लोग गरीबी रेखा से निकले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गरीब राज्यों में बेहद तेज रफ्तार के साथ गरीबी घटी है जिससे आर्थिक असामनता में कमी आई है.