Postal Stamp Issued on Maffia Don: छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के जारी हुए पोस्टल स्टैम्प, डाक विभाग ने जांच के दिए आदेश
उत्तर प्रदेश के कानपुर से डाक विभाग की लापरवाही सामने आयी है. यहां के डाक विभाग ने बागपत जेल में गैंगवार में मारे गए मुन्ना बजरंगी और छोटा राजन के पोस्टल स्टैम्प टिकट जारी किए गए हैं. इस पोस्टल स्टैम्प टिकट को लगाकर कहीं भी इंटरनेशनल लेवल पर चिट्टी भेजी जा सकती है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर से डाक विभाग की लापरवाही सामने आयी है. यहां के डाक विभाग ने बागपत जेल में गैंगवार में मारे गए मुन्ना बजरंगी और छोटा राजन के पोस्टल स्टैम्प टिकट जारी किए गए हैं. इस पोस्टल स्टैम्प टिकट को लगाकर कहीं भी इंटरनेशनल लेवल पर चिट्टी भेजी जा सकती है. छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के पोस्टल स्टैम्प टिकट भारतीय डाक विभाग की ’माई स्टैम्प’ परियोजना के तहत छापे गए थे. छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के पांच-पांच रुपये के 12 टिकट हैं. डाक विभाग को इस टिकट के लिए 600 रुपये का एक निश्चित शुल्क का भुगतान किया गया. भारत सरकार के 'माई स्टैम्प’ योजना के तहत 300 रुपये का भुगतान कर को भी व्यक्ति जो जिन्दा है वो जाकर अपने नाम और अपनी फोटो पर पोस्टल स्टैम्प टिकट जारी करा सकता है.
ये डाक टिकट नॉर्मल डाक टिकट की तरह ही होते हैं. इसका इस्तेमाल कहीं भी लेटर भेजने के लिए किया जा सकता है.टिकट जारी होने से डाक विभाग के कैमरे से फोटो ली जाती है. दस्तावेज लिया जाता है. लेकिन छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी की टिकट छपने से पहले कोई तस्वीर नहीं ली गई थी और न ही कोई प्रमाण पत्र मांगा गया था. वहीं मुन्ना बजरंगी की साल 2018 में मौत हो चुकी है. ऐसे में डाक विभाग ये लापरवाही कैसे कर सकता है, दो माफिया डॉन के पोस्टल स्टैम्प जारी करने की गलती कैसे कर सकता है? यह भी पढ़ें: महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पीएम मोदी ने जारी किए 150 रुपये के चांदी के सिक्के और डाक टिकट
देखें ट्वीट:
'माई स्टैम्प' प्लान:
साल 2017 में केंद्र सरकार ने माई स्टैम्प योजना शुरू की. इस परियोजना को विश्व-विजेता प्रदर्शनी के दौरान लॉन्च किया गया था. इसके तहत आप 300 रुपये का शुल्क जमा कर अपने या अपने परिवार की तस्वीरों के साथ 12 स्टैम्प जारी कर सकते हैं. यह स्टैम्प किसी अन्य स्टैंप की तरह मान्य है. आप इस मोहर को चिपकाकर देश के किसी भी कोने में लेटर भेज सकते हैं.
पोस्टल टिकट स्टैम्प बनाना काफी कठिन प्रोसेस है:
पोस्टल टिकटें बनाना आसान नहीं है. इन्हें बनाने के लिए आवेदक को पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ और पूरी जानकारी देनी होती है. एक फॉर्म भरा जाता है ताकि पूरी जानकारी ली जा सके. टिकटें केवल जीवित व्यक्ति की ही बनाई जाती हैं, जिसके लिए उसे स्वयं सत्यापन के लिए डाक विभाग में आना पड़ता है. फोटो, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर आईडी लाना अनिवार्य है. उनमें से प्रत्येक को फोटो कॉपी अनुभाग में जमा किया जाता है. क्रॉस-चेकिंग के बाद, आवेदक की तस्वीर के साथ एक टिकट जारी किया जाता है. इतनी सारी चेकिंग के बावजूद, दो माफिया डॉन के डाक टिकट जारी करने के बारे में पूरी प्रणाली से पूछताछ की जा रही है. इस योजना के तहत केवल जीवित टिकटें जारी की जा सकती हैं, 9 जुलाई, 2018 को बागपत जेल गैंगवार में मुन्ना बजरंगी को मार दिया गया था.
पोस्टमास्टर जनरल ने जांच के दिए आदेश:
डाक विभाग के पोस्टमास्टर जनरल वीके वर्मा ने कहा कि 'माय स्टैम्प' टिकट डाक विभाग की योजना है. इसके तहत किसी व्यक्ति को अपना स्टैम्प लेने और वेबकैम के सामने एक तस्वीर लेने के लिए मैन्युअल रूप से विभाग में आना होता है. आवश्यक दस्तावेज जमा किए जाने के बाद डाक टिकट जारी किया जाता है. मुझे किसी माफिया टिकटों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. यदि ऐसी कोई सूचना मिलती है, तो इसकी जांच की जाएगी.