Post Office Small Savings Schemes: डाकघर की बचत योजनाओं पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि, NSC और SCSS पर अब कितना मिलेगा ब्याज?
Post Office Small Savings Schemes

सरकार ने जुलाई से सितंबर 2025 तक की तिमाही के लिए पोस्ट ऑफिस (Post Office) और अन्य स्मॉल सेविंग्स योजनाओं (Small Savings Schemes) पर मिलने वाली ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यानी इस दौरान जो भी निवेशक इन योजनाओं में पैसा लगाएंगे, उन्हें पहले जैसी ही ब्याज दरें मिलेंगी. यह जानकारी 30 जून 2025 को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs) द्वारा जारी सर्कुलर के जरिए दी गई.

गौरतलब है, कि यह लगातार छठी तिमाही है जब सरकार ने इन योजनाओं की ब्याज दरों को जस का तस बनाए रखा है. पिछली बार कुछ योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2024 में किया गया था. उसके बाद से अब तक सभी तिमाहियों में दरें स्थिर बनी हुई हैं.

जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही के लिए पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की ब्याज दरें

योजना का नाम ब्याज दर (%)
पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट 4%
1 वर्ष की फिक्स्ड डिपॉजिट 6.9%
2 वर्ष की फिक्स्ड डिपॉजिट 7%
3 वर्ष की फिक्स्ड डिपॉजिट 7.1%
5 वर्ष की फिक्स्ड डिपॉजिट 7.5%
5 वर्ष की रिकरिंग डिपॉजिट (RD) 6.7%
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) 8.2%
मंथली इनकम स्कीम (MIS) 7.4%
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) 7.7%
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) 7.1%
किसान विकास पत्र (KVP) 7.5%
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) 8.2%

इन स्कीम्स को मुख्य रूप से पोस्ट ऑफिस और कुछ सरकारी बैंकों के माध्यम से संचालित किया जाता है. यह सभी योजनाएं मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, क्योंकि इनमें सरकार की गारंटी और तय रिटर्न मिलता है.

ब्याज दर तय करने का तरीका क्या है?

स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की ब्याज दरें तय करने के लिए श्यामला गोपीनाथ समिति (Shyamala Gopinath Committee) की सिफारिशों को आधार बनाया गया है. इस समिति के अनुसार, इन योजनाओं की ब्याज दरों को सरकारी बॉन्ड (G-Secs) की सेकेंडरी मार्केट यील्ड (Secondary Market Yield) से जोड़ा जाना चाहिए. इसमें सरकार एक अतिरिक्त 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) का मार्जिन भी जोड़ सकती है.

उदाहरण के तौर पर, अगर 5 साल के सरकारी बॉन्ड की मार्केट यील्ड 7.25% है, तो 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर 7.5% तक रखी जा सकती है. हालांकि, यह देखा गया है, कि सरकारी फैसले हमेशा इन तकनीकी फॉर्मूलों पर आधारित नहीं होते है. कई बार बाजार की स्थितियों के हिसाब से या सामाजिक-आर्थिक कारणों से सरकार ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला करती है, जैसा कि इस बार भी किया गया है.

क्यों महत्त्वपूर्ण हैं यह सभी योजनाएं?

पोस्ट ऑफिस और स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स देश के लाखों निवेशकों के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश विकल्प हैं. खासकर वरिष्ठ नागरिक, गृहिणी, छोटे व्यापारी और वेतनभोगी वर्ग इनमें अधिक निवेश करते हैं. ब्याज दरें स्थिर रहने से इन निवेशकों को एक तरह का आर्थिक स्थायित्व (Financial Stability) मिलता है. आने वाली तिमाहियों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जब बाजार में बॉन्ड यील्ड और रेपो रेट में बदलाव होगा, तो सरकार इन स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई संशोधन करती है या नहीं.