उत्तर प्रदेश: महिला अपराध पर विपक्ष की हाय-तौबा के बीच योगी सरकार ने दिखाया आईना, अब तक 919 लोगों को दिला चुकी है सजा

उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना समेत महिला अपराधों पर विपक्षी दल द्वारा मचे बवाल के बाद योगी सरकार ने इस पर आंकड़ा जारी कर विपक्षियों को आईना दिखाने का प्रयास किया है. महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने कई कदम उठाए हैं. मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार ने तुरंत एसआईटी का गठन किया.

सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: ANI)

लखनऊ, 13 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) की घटना समेत महिला अपराधों पर विपक्षी दल द्वारा मचे बवाल के बाद योगी सरकार ने इस पर आंकड़ा जारी कर विपक्षियों को आईना दिखाने का प्रयास किया है. महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार (Yogi Government) ने कई कदम उठाए हैं. सत्ता की कमान संभालने के साथ ही एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन कर उन्होंने इसका सबूत भी दिया. ऐसे मामलों का शीघ्र निस्तारण, प्रभावी पैरवी और अधिकतम सजा दिलवाना भी सरकार की प्रतिबद्धता रही है. सरकार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, पाक्सो एक्ट के अभियुक्तों में से सरकार अब तक 919 लोगों को सजा दिला चुकी है.

इनमें से 5 को सजा-ए-मौत, 193 को आजीवन कारावास और बाकी को अन्य सजाएं मिलीं. इन सबके नतीजे भी बेहद सकारात्मक रहे. मामला चाहे समग्र अपराधों का हो या महिलाओं से जुड़े अपराधों का, पिछले वर्षों की तुलना में इसमें गिरावट आयी है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार दुराचार संबंधी मामले पिछले वर्ष की तुलना में घटे हैं. 2016 की तुलना में 2020 में महिला दुराचार और अपहरण के मामलों में क्रमश: 42.24 और 39 फीसद की कमी आई है. इसी तरह दुराचार के मामलों में 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित राज्यों में उत्तर प्रदेश 26 वें स्थान पर रहा.

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आबादी के आधार पर एकत्र आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. प्रदेश में देश की 16.85 फीसद लोग रहते हैं जबकि दर्ज होने वाले अपराधों में उप्र की हिस्सेदारी सिर्फ 10.92 फीसद ही है. इसमें और कमी आ रही है. सितंबर 2019 के मुकाबले सितंबर 2020 में दुष्कर्म के मामले घटकर 27.32 फीसदी पर आ गए. अब तो सरकार एक कदम और आगे बढ़ चुकी है. शोहदों का चैराहों पर पोस्टर लगाने के साथ ही सरकार शारदीय नवरात्र से बासंतिक नवरात्र तक मिशन शक्ति के नाम से समग्रता में एक विशेष अभियान चलाने जा रही है. इसमें जागरूकता, आपरेशन और इन्फोर्समेंट तीनों पहलू होंगे. इसकी निगरानी थाने से लेकर शासन स्तर तक होगी.

हाथरस की घटना को लेकर सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि 14 सितंबर को जिस दिन घटना घटी उस दिन से 29 सितंबर तक पीड़ित पक्ष की ओर से जब भी लिखित या मौखिक बयान दिया गया उसके अनुसार एफआईआर दर्ज हुई. बदलते बयानों के अनुसार, एफआईआर में नयी धाराएं लगाई गयी. उसी के अनुसार विवेचना हुई और अपराधियों की गिरफ्तारियां भी हुईं. मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार ने तुरंत एसआईटी का गठन किया.

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