PM Modi Parliament Speech: संसद के चालू बजट सत्र के सातवें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि कल कुछ लोग उछल रहे थे. PM Modi's Jacket: संसद में खास जैकेट पहनकर पहुंचे पीएम मोदी, प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकल कर बनाया गया है
उन्होंने कहा कि कल कुछ लोग बोल रहे थे तो पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था. कल नींद भी अच्छी आई होगी और शायद आज वे उठ भी नहीं पाए होंगे. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग तो ये भी कह रहे थे कि ये हुई न बात. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कुछ लोग कन्नी काट गए थे. एक बड़े नेता तो उनका अपमान भी कर चुके हैं. पीएम मोदी ने तंज करते हुए कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं- ये कह कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं
PM मोदी ने कहा "जब राष्ट्रपति का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए और एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं. जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत और उनके प्रति उनकी सोच क्या है ये भी दिखाई दी है. जब टीवी पर इस प्रकार की बातें कही गई तो अंदर पड़ा नफरत का भाव बाहर आ गया."
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के संबोधन के कुछ वाक्य भी कोट किए और ये भी कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर किसी को ऐतराज भी नहीं है. इसकी किसी ने आलोचना भी नहीं की. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि किसी ने विरोध नहीं किया, सबने स्वीकार किया. पीएम मोदी ने कहा कि इसे पूरे सदन की स्वीकृति मिली है. सदस्यों ने अपनी सोच के मुताबिक अपनी बात रखी. इससे उनकी समझ और इरादों का भी पता चला.
जब राष्ट्रपति का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए और एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत और उनके प्रति उनकी सोच क्या है ये भी दिखाई दी है। जब टीवी पर इस प्रकार की बातें कही गई तो अंदर पड़ा नफरत का भाव बाहर आ गया: PM मोदी pic.twitter.com/kvmQr7ZqWJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2023
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो से तीन दशक अस्थिरता के रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज देश में स्थिर सरकार है, फैसले लेने वाली सरकार है. उन्होंने कहा कि आज देश आत्मविश्वास से भरा है. डिजिटल इंडिया की हर तरफ वाह-वाही हो रही है. एक जमाना था जब छोटी टेक्नोलॉजी के लिए भी देश तरसता था. उन्होंने वैश्विक अस्थिरता, युद्ध की स्थिति का भी जिक्र किया और कहा कि इच्छाशक्ति से हम सुधार कर रहे हैं. आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है. ये सुधार मजबूरी में नहीं किए गए हैं.