WhatsApp जासूसी विवाद: राहुल गांधी ने राफेल का जिक्र कर मोदी सरकार पर कसा तंज
राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा, 'सरकार ने वॉट्सऐप से पूछा है कि भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए पेगासस को किसने खरीदा है, यह वैसे ही है जैसे मोदी दसॉल्ट से पूछे कि राफेल जेट्स की भारत को बिक्री से किसने पैसे बनाए!'
कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इजरायली स्पाइवेयर 'पेगासस' (Pegasus) के जरिए भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की वॉट्सऐप (WhatsApp) पर जासूसी के मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सरकार पर तंज कसा है. राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा, 'सरकार ने वॉट्सऐप से पूछा है कि भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) की जासूसी के लिए पेगासस को किसने खरीदा है, यह वैसे ही है जैसे मोदी दसॉल्ट (Dassault) से पूछे कि राफेल जेट्स (Rafale Jets) की भारत को बिक्री से किसने पैसे बनाए!'
दरअसल, जासूसी के इस मामले के सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने वॉट्सऐप से इस मामले में 4 नवंबर तक जवाब देने को कहा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि आईटी मंत्रालय ने इस बारे में वॉट्सऐप को पत्र लिखकर अपना जवाब देने को कहा है. वॉट्सऐप से इन आरोपों पर विस्तृत जवाब देने और बताने को कहा गया है कि इससे भारतीय लोग किस हद तक प्रभावित हुए हैं. यह भी पढ़ें- WhatsApp जासूसी विवाद पर बोली केंद्र सरकार- ‘यह बदनाम करने की कोशिश, मीडिया रिपोर्ट्स गलत’.
इससे पहले वॉट्सऐप जासूसी मामले में कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा और सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल स्वत: संज्ञान ले और सरकार की जवाबदेही तय करे. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि ‘अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार’ इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार जासूसी करते पकड़ी गई है. यह चिंताजनक है, लेकिन हैरान करने वाली बात नहीं है.आखिरकार बीजेपी सरकार ने ही हमारे निजता के अधिकार का हनन किया, करोड़ों रुपये का निगरानी ढांचा बनाया.’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और बीजेपी सरकार को नोटिस जारी करना चाहिए.
गौरतलब है कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने कहा है कि इजरायल स्पाइवेयर ‘पेगासस’ के जरिए कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं.