पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों को लेबनान से निकलने को कहा
मध्यपूर्व में ईरान और उसके सहयोगी, हमास के नेता इस्माइल हानियेह की हत्या के जवाब में हमले कर सकते हैं.
मध्यपूर्व में ईरान और उसके सहयोगी, हमास के नेता इस्माइल हानियेह की हत्या के जवाब में हमले कर सकते हैं. इलाके में युद्ध की आशंका बढ़ गई है. अमेरिका और पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों को लेबनान से निकलने को कहा है.बढ़े तनाव और हमले की आशंका को देखते हुए इस्राएल के सहयोगी अमेरिका ने भी अपनी गतिविधियां इलाके में बढ़ा दी हैं. अमेरिका ने ज्यादा जंगी जहाजों और लड़ाकू विमानों को इलाके में भेजने की बात कही है. इस बीच पश्चिमी देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों से लेबनान से बाहर निकलने को कहा है. कई देशों की एयरलाइनों ने लेबनान की उड़ानें भी रद्द करनी शुरू कर दी हैं.
इस्राएल ने कुछ कहा नहीं है लेकिन हमास के नेता इस्माइल हानियेह की हत्याके मामले में संदेह उसी पर जताया जा रहा है. इस हफ्ते हमास के नेता हानियेह की हत्या के कुछ ही घंटे पहले बेरूत में हिज्बुल्लाह के सैन्य प्रमुख फुआद शुक्र की भी हत्या कर दी गई. इन दोनों हत्याओं के बाद ईरान और लेबनान ने बदला लेने की चेतावनी दी है. लेबनान, यमन, इराक और सीरिया के ईरान समर्थित गुट पहले ही इस्राएल और गाजा में हमास के बीच चल रहे युद्ध में उतर चुके हैं.
इस्राएल ने शनिवार को एक बार फिर हिज्बुल्लाह के साथ गोलीबारी की, पश्चिमी तट के इलाके में हमला किया और गाजा सिटी में एक स्कूल परिसर को ध्वस्त कर दिया. हमास के शासन वाले इलाके की सिविल डिफेंस एजेंसी का कहना है कि इस हमले में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं.
बीते हफ्तों में कई स्कूलों को विस्थापितों के रहने की जगह में बदल दिया गया है. इस्राएल इन पर हमला कर रहा है और उसका कहना है कि इनका इस्तेमाल चरमपंथी कर रहे हैं. दूसरी तरफ हमास ने सैन्य गतिविधियों के लिए स्कूल का इस्तेमाल करने से इनकार किया है.
हमले की आशंका
शुक्रवार को कतर में हानियेह को दफना दिया गया. बीते कुछ सालों से हानियेह कतर में ही रह रहे थे. हमास और ईरान उनकी हत्या के लिए सीधे इस्राएल पर आरोप लगा रहे हैं, हालांकि इस्राएल ने इस पर सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है. शनिवार को ईरान ने कहा कि वह हिज्बुल्लाह से इस्राएल के भीतर हमले की उम्मीद कर रहा है जो सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रहेंगे.
क्या और भड़केगा हिज्बुल्लाह-इस्राएल संघर्ष
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा है कि वह मध्यपूर्व में अमेरिकी लोगों और इस्राएल की सुरक्षा के लिए सेना की मौजूदगी बढ़ा रहा है. पेंटागन का कहना है कि यूएसएस अब्राहम लिंकन के नेतृत्व में एक विमान वाहक युद्धपोत हमलावर समूह को तैनात किया जा रहा है. इसके साथ ही अतिरिक्त बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस से लैस जहाज और लड़ाकू विमानों का एक नया स्क्वाड्रन भी भेजा जा रहा है. डेलावेयर के बीच होम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से जब पत्रकारों ने पूछा, "क्या वो सोचते हैं कि ईरान झुकेगा" तो जवाब में राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे ऐसी उम्मीद है, मैं नहीं जानता."
इसके कुछ ही देर बाद हिज्बुल्लाह ने बताया कि उसने दर्जनों कात्यूशा रॉकेट उत्तरी इस्राएली बस्ती बेत हिलेल की तरफ दागे हैं. इस्राएल की सेना ने रविवार सुबह कहा कि दक्षिणी लेबनान की ओर से इस्राएल पर 30 रॉकेट दागे गए हैं. इनमें से ज्यादातर को हवा में ही मार गिराया गया और अब तक किसी नुकसान की खबर नहीं है.
बेरूत में 20 साल की छात्रा डियाना अबू आसेल ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में अपना डर जताया, "मेरे परिवार और दोस्तों के साथ कुछ बुरा हो सकता है. अगर लड़ाई हुई तो मुझे नहीं लगता कि मैं लेबनान में रह सकूंगी." शनिवार को मोरक्को, जॉर्डन और तुर्की में हजारों लोग हानियेह की हत्या का विरोध करने और फलस्तीन के साथ समर्थन दिखाने निकले. हानियेह की हत्या अप्रैल से होती आ रही कुछ घटनाओं की एक कड़ी है, जिसकी वजह से इलाके में युद्ध की आशंकाएं तेज हो रही हैं.
शांति की कोशिशों को झटका
ब्रिटेन और अमेरिका ने शनिवार को लेबनान में अपने नागरिकों के आग्रह किया कि वो वहां से जितनी जल्दी हो सके किसी भी तरह से निकल आएं. कनाडा ने अपने नागरिकों को "अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति" देखते हुए इस्राएल जाने से बचने को कहा है.
इस्राएल ने7 अक्टूबर के हमलेके बाद इसके जवाब में हमास को पूरी तरह खत्म करने की बात कही थी. इस हमले में हमास के लड़ाकों ने 1,197 लोगों की हत्या कर दी जिनमें ज्यादातर आम लोग थे. यह आंकड़ा इस्राएल की ओर से जारी किया गया है. इसके अलावा 251 लोगों को बंधक बनाया गया और उनमें से 111 लोग अब भी हमास के कब्जे में हैं. इस्राएल की जवाबी कार्रवाई में हमास के मुताबिक 39,550 लोगों की मौत हुई है. इसमें कितने सैनिक और कितने आम लोग हैं इसका ब्यौरा नहीं दिया गया है.
हानिये हमास की तरफ से युद्ध खत्म कराने पर बाचतीत कराने वाले प्रमुख नेता थे. कतर, मिस्र और अमेरिका के मध्यस्थों से बात कर वो एक समझौते की कोशिश कर रहे थे जिससे कि युद्धविराम हो और कैदियों और बंधकों की रिहाई कराई जा सके. उनकी मौत से मध्यपूर्व में शांति प्रक्रिया को बड़ा झटका लगा है.
एनआर/एसके (एएफपी)