पश्चिम बंगाल (West Bengal) में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार सुबह राजधानी कोलकाता (Kolkata) में बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) पर कथित रूप से हमला किया गया. घोष हर सुबह की तरह मॉर्निंग वाक और लेक टाउन (Lake Town) में चाय पर चर्चा के लिए घर से बाहर निकले थे. इस दौरान अचानक ही वह भीड़ से घिर गए और उन पर हमला हुआ. घटना स्थल पर कुछ टीएमसी कार्यकर्ता भी मौजूद थे. घोष ने दावा किया कि उनके साथ दो अन्य बीजेपी समर्थकों को भी चोट आई है. दिलीप घोष ने घटना के लिए टीएमसी को जिम्मेदार बताया.
बता दें कि दिलीप घोष पर पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं. इस साल मई में जब वह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हेमंत बिस्व सरमा के साथ जा रहे थे तो उनके काफिले पर खेजुरी में हमला हुआ था. इसी तरह पिछले साल दिसंबर में दिलीप घोष की गाड़ी पर कूचबिहार जिले के सीतलकुची इलाके में अज्ञात लोगों ने हमला किया. घोष बीजेपी की 'रथयात्रा' में हिस्सा लेने के लिए कूचबिहार में थे. जब वह जिले में मठभांगा जा रहे थे, तब उनकी गाड़ी पर हमला किया गया.
दिलीप घोष पर हमला-
Kolkata: A group of people attacked BJP MP Dilip Ghosh and BJP workers at Lake Town today, when he was out for his morning walk and to take part in ‘Chai Pe Charcha’. pic.twitter.com/UTkvLxrCJY
— ANI (@ANI) August 30, 2019
गौरतलब है कि घोष ने सोमवार को ही पूर्वी मिदनापुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर उन पर हमला होता है तो वे टीएमसी के लोगों और पुलिस की पिटाई कर दें. घोष ने इस मौके पर कहा, 'मैं उन्हें चेतावनी देता हूं, चाहे वे टीएमसी नेता हों या उनके चमचे पुलिस अधिकारी, किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.
घोष ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि 'हमें लगता है कि हिंसा की इस राजनीति का सामना करने के लिए हिंसा की आवश्यकता है वरना हमारा वजूद नहीं बचेगा. इसलिए मैंने अपने पार्टीजनों से कहा है कि वे मेरे पास रोते हुए ना आएं. उन्हें इसकी जगह बदला लेना चाहिए. अब तक हम धरना-प्रदर्शन से उनका विरोध करते रहे हैं, लेकिन अब इसका माकूल जवाब देने का समय आ गया है. अगर वो अपना रवैया नहीं बदलते हैं तो हमें अपना नजरिया बदलने के लिए मजबूर होना होगा.