West Bengal Assembly Elections 2021: तृणमूल कांग्रेस (TMC) से हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर निशाना साधा है. दिनेश त्रिवेदी ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि ममता बनर्जी की करनी और कथनी में फर्क है. उन्होंने कहा कि साल 2012 में प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) यूपीए की ओर से राष्ट्रपति (President) के उम्मीदवार थे. तब ममता जी ने उनका विरोध किया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रणब मुखर्जी को वोट नहीं देंगे. वे खुद बंगाल की बेटी है तो प्रणब मुखर्जी भी बंगाल के पुत्र थे. उनकी करनी और कथनी में फर्क है.
दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि हम लोग शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के साथ 12 से ज्यादा सांसद थे और हमने कहा था कि हम प्रणब मुखर्जी को वोट देंगे. ममता बनर्जी को लगा कि इससे पार्टी में दरार आ जाएगी. फिर ममता बनर्जी ने दुख भरे शब्दों में कहा था कि मुझे प्रणब मुखर्जी को वोट देना पड़ रहा है. यह भी पढ़ें- WB Assembly Elections 2021: बीजेपी ने जारी की 148 उम्मीदवारों की नई लिस्ट, मुकुल राय इस सीट से लड़ेंगे चुनाव.
ANI का ट्वीट-
हम लोग शुभेंदु अधिकारी के साथ 12 से ज्यादा सांसद थे और हमने कहा था कि हम प्रणब मुखर्जी को वोट देंगे। ममता बनर्जी को लगा कि इससे पार्टी में दरार आ जाएगी। फिर ममता बनर्जी ने दुख भरे शब्दों में कहा था कि मुझे प्रणब मुखर्जी को वोट देना पड़ रहा है: BJP नेता दिनेश त्रिवेदी https://t.co/DAKn8ZVOFA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2021
दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो तोलाबाजी हो रही है, हिंसा है, कटमनी का चलन है उससे लोग ऊब गए हैं. बंगाल का जो दर्जा होना चाहिए आने वाले दिनों में वह दर्जा फिर से मिलने वाला है. जहां शांति नहीं है, वहां उन्नती नहीं हो सकती है.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 'हिंसा' के मुद्दे का हवाला देते हुए कुछ दिन पहले दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि वह इस 'स्वर्णिम अवसर' के इंतजार में थे. उन्होंने कहा था कि कुछ पार्टियों में परिवार सबसे ऊपर होता है लेकिन बीजेपी में लोग सर्वोपरि हैं. बता दें कि दिनेश त्रिवेदी ममता बनर्जी के विश्वस्त सहयोगी माने जाते थे और वह यूपीए सरकार में रेल मंत्री भी थे.