UP में कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मिलेगी मजबूती, लखनऊ में CM योगी आदित्यनाथ ने किया DRDO के अस्थाई कोविड अस्पताल का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में डीआरडीओ द्वारा बनाए गए कोविड अस्पताल का बुधवार को उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि डीआरडीओ और आर्मी की तरफ से यह अस्पताल शुरू हो रहा है. पहले चरण में 250 बेड शुरू हो रहे हैं जिसमें 150 बेड आईसीयू के होंगे और 100 आइसोलेशन बेड ऑक्सीजन वाले होंगे.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया कोविड अस्पताल का लोकार्पण (Photo Credits: PBNS)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने लखनऊ में डीआरडीओ द्वारा बनाए गए कोविड अस्पताल का बुधवार को उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि डीआरडीओ और आर्मी की तरफ से यह अस्पताल शुरू हो रहा है. पहले चरण में 250 बेड शुरू हो रहे हैं जिसमें 150 बेड आईसीयू के होंगे और 100 आइसोलेशन बेड ऑक्सीजन वाले होंगे. बता दें कि इस अस्पताल का नाम अटल बिहारी वाजपेयी कोविड अस्पताल (Atal Bihari Vajpayee Covid Hospital) रखा गया है और डीआरडीओ ने रिकॉर्ड समय के अंदर इसका निर्माण कार्य पूरा कर इसका संचालन शुरू किया है. Uttar Pradesh: कोरोना के खिलाफ खुद जंग के मैदान में उतरे CM योगी आदित्यनाथ, लखनऊ में बन रहे कोविड अस्पताल का किया निरीक्षण, महामारी के प्रबंधन के लिए बनाई 'टीम-9'

सीएम योगी द्वारा उद्घाटित यह अस्पताल 500 बेड का है. पहले फेज में 250 बेड शुरू हो रहे है. डीआरडीओ द्वारा  विकसित अस्पताल का संचालन आर्मी मेडिकल कॉर्प्स (Army Medical Corps) और लखनऊ के जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा किया जाएगा.

ANI का ट्वीट-

डीअरडीओ के निदेशक नरेंद्र कुमार आर्य ने बताया कि लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में स्थित इस अस्थायी अस्पताल में 500 बेड की क्षमता है, जिसमें 150 आईसीयू और 350 सामान्य बेड शामिल हैं. ये अस्पताल ऑक्सीजन की सुविधा से लैस हैं. उन्होंने कहा कि रोगियों को एकीकृत कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से भर्ती किया जाएगा.

डीआरडीओ के निदेशक ने कहा कि अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों से शुल्क नहीं लिया जाएगा. परिसर में मरीजों के रिश्तेदारों के ठहरने की व्यवस्था भी की जाएगी और दवा और भोजन मुफ्त होगा. अस्पताल को डीआरडीओ की विशेषज्ञता और पर्यवेक्षण के साथ स्थापित किया गया है. सुविधा के चिकित्सा पहलू को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के डॉक्टरों, नर्सों और सहायक कर्मचारियों द्वारा ध्यान रखा जाएगा.

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