अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) मंगलवार की रात दिल्ली पहुंचे. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद यह किसी भी देश से होने वाली पहली उच्चस्तरीय यात्रा है. माइक पोम्पिओ बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) से मुलाकात करेंगे. जयशंकर और पोम्पिओ के मुलाकात के दौरान भारत द्वारा रूस (Russia) से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद (S-400 Missile Deal), आतंकवाद, एच-1बी वीजा, व्यापार और ईरान से तेल खरीद (Iran Oil Imports) पर अमेरिकी प्रतिबंधों से उत्पन्न होने वाली स्थिति सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है. पोम्पिओ जयशंकर के साथ बैठक के अलावा भारतीय विदेश मंत्री की तरफ से आयोजित भोज में भी शामिल होंगे.
पोम्पिओ इसके अलावा बुधवार को पीएम मोदी से मुलाकात भी करेंगे. पोम्पिओ 25 से 27 जून तक भारत दौरे पर रहेंगे. पोम्पिओ का यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच 28-29 जून को जापान के ओसाका में जी-20 शिखर वार्ता से इतर होने वाले वाली मुलाकात से पहले हो रहा है. कुछ दिनों पहले लोकप्रिय चुनाव नारे 'मोदी है तो मुमकिन है' का हवाला देते हुए पोम्पिओ ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध को दूसरे स्तर पर ले जाने की बात कही थी और कहा था कि ट्रंप और मोदी प्रशासनों के पास इसे मुमकिन करने के लिए 'अनोखा मौका' है'. यह भी पढ़ें- US विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी हुए PM मोदी के फैन, भारत यात्रा से पहले कहा- ‘मोदी है तो मुमकिन है’
US Secretary of State Mike Pompeo to meet NSA Ajit Doval in South Block this morning. They will discus multiple issues including terror & defence before the meeting between PM Modi and US President Donald Trump on the sidelines of the G-20 summit at Osaka on June 28. (file pics) pic.twitter.com/rMtAxFxuZa
— ANI (@ANI) June 26, 2019
देखें वीडियो-
#WATCH: United States Secretary of State Mike Pompeo arrives in Delhi. He is scheduled to meet External Affairs Minister Dr S Jaishankar & Prime Minister Narendra Modi tomorrow. pic.twitter.com/9Fd8cBmX9U
— ANI (@ANI) June 25, 2019
उधर, जयशंकर ने मंगलवार को पोम्पिओ की भारत यात्रा को 'बेहद महत्वपूर्ण' बताया था. उन्होंने कहा था कि ईरान और अमेरिका के बीच का तनाव कठिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है और भारत इससे निपट रहा है. जयशंकर ने कहा था कि भारत कई संवेदनशील कूटनीतिक मुद्दों से जूझ रहा है और अमेरिका व ईरान के बीच का मौजूदा तनाव इनमें से एक है.
एजेंसी इनपुट