रांची, 27 अगस्त: झारखंड में पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच सत्ताधारी गठबंधन झामुमो, कांग्रेस और राजद के 42 यूपीए विधायकों ने रांची से लगभग 50 किलोमीटर दूर खूंटी जिले के डुमरगढ़ी गेस्ट हाउस में कैंप कर रखा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी खुद यहां मौजूद हैं. शनिवार दोपहर दो बजे सीएम हाउस से तीन बसों पर सवार होकर सभी विधायक यहां पहुंचे. Jharkhand Political Crisis: झारखण्ड राजनीती संकट के बीच कांग्रेस अपने विधायको को छत्तीसगढ़ शिफ्ट करने के फ़िराक में
विधायकों ने डुमरगढ़ी गेस्ट हाउस पहुंचने के पहले लतरातू डैम में बोटिंग का लुत्फ उठाया. बताया जा रहा है कि देर शाम सभी विधायक वापस रांची लौटेंगे. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय भी रांची पहुंच रहे हैं. उनकी मौजूदगी में सत्ताधारा गठबंधन के विधायकों की बैठक होगी. चर्चा है कि विधायकों को एकजुट रखने के लिए देर शाम छत्तीसगढ़ ले जाया जा सकता है.
बता दें कि राज्य में मौजूदा राजनीतिक संकट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिए जाने की वजह से पैदा हुआ है. राज्यपाल रमेश बैस ने उनकी विधानसभा की सदस्यता खारिज करने का आदेश दे दिया है, लेकिन प्रक्रिया के अनुसार इस संबंध में आधिकारिक पत्र निर्वाचन आयोग जारी करेगा. संभावना है कि आयोग जल्द ही पत्र जारी करेगा और इसके तत्काल बाद संवैधानिक बाध्यताओं के चलते हेमंत सोरेन को त्यागपत्र देना होगा.
यह भी तय माना जा रहा है कि इस्तीफे के बाद हेमंत सोरेन दुबारा सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे, क्योंकि खबरों के मुताबिक राज्यपाल के आदेश में उनके आगे चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई गई है.
दरअसल, नई सरकार बनने पर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट अनिवार्य होगा और इसे देखते हुए यूपीए गठबंधन कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगा.
सियासी संकट के मद्देनजर रणनीति तय करने के लिए यूपीए विधायक 11 बजे से सीएम हाउस में जुटे. पिछले तीन दिनों में चौथी बार यूपीए विधायकों की बैठक बुलाई गई थी. बैठक के बाद सभी विधायक बसों पर सवार होकर निकल गये.