UP: चाचा-भतीजे में फिर बढ़ी तकरार? सपा की दूसरी बार की बैठक में भी शिवपाल यादव नहीं हुए शामिल

यूपी विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने वाले सपा मुखिया ने आज अपने सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक बुलाई थी. लेकिन प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव इस बैठक में नहीं पहुंचे

अखिलेश यादव व शिवपाल यादव (Photo Credits Facebook)

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने वाले सपा मुखिया ने आज अपने सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक बुलाई थी. लेकिन प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav)  इस बैठक में नहीं पहुंचे. सपा के टिकट पर जसंवत नगर सीट से विधायक शिवपाल सिंह यादव बीते दिनों सपा (SP) की हुई विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज थे और कहा था कि वह सपा से विधायक हैं पर उन्हें बैठक के बारे में सूचना तक नहीं दी गई, जबकि वह इसी बैठक के लिए कई दिनों से लखनऊ में रुके हुए थे. इसके बाद वह नाराज होकर दिल्ली चले गए. मंगलवार को भी वह बैठक में नहीं पहुंचे.

समाजवादी पार्टी के कार्यालय में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सहयोगी दलों की बैठक बुलाई। जिसमें भाग लेने शिवपाल सिंह यादव नहीं पहुंचे. इस बैठक में भाग लेने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी विधायक दल के नेता ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्रीय लोकदल विधायक दल के नेता राजपाल बालियान तथा अपना दल कमेरावादी के पंकज निरंजन समाजवादी पार्टी के दफ्तर में पहुंचे. यह भी पढ़े: UP: इटावा में शिवपाल यादव का छलका दर्द! कहा- हनुमान ने ही बचाई थी लक्ष्मण की जान, राम को जिताया था युद्ध

इटावा से नई दिल्ली जाकर मुलायम सिंह यादव से भेंट करने वाले शिवपाल सिंह यादव मंगलवार को भी इटावा में ही हैं. उन्होंने अभी तक विधानसभा सदस्य के पद की भी शपथ नहीं ली है. शिवपाल सिंह यादव ने पहले से ही तय कर रखा था कि अखिलेश यादव के साथ मंगलवार शाम को समाजवादी पार्टी के सहयोगी दलों की बैठक में वो शामिल नहीं होंगे. उनको बैठक के लिए पत्र भेजा गया. समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि वह तो समाजवादी पार्टी सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे. इसलिए उनको तो समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में बुलाया जाना चाहिए था.

सपा से गठबंधन के बाद शिवपाल ने न सिर्फ अखिलेश को अपना नेता घोषित किया, बल्कि यहां तक कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे. सपा से गठबंधन के बाद उम्मीद थी कि प्रसपा नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, लेकिन सिर्फ शिवपाल चुनाव लड़े, वह भी साइकिल के सिंबल पर। ऐसे में प्रसपा के तमाम वरिष्ठ नेता दूसरे दलों का रुख कर गए। इसके बाद भी शिवपाल चुनाव मैदान में लगे रहे.

बैठक में भाग लेने पहुंचे ओम प्रकाश राजभर ने मीडिया से कहा कि आप लोगों को बड़ी चिंता सता रही थी. हम लोगों ने सोचा चिंता दूर की जाए.  हम लोग चाहते हैं प्रदेश में जाति जनगणना हो. पत्रकार आयोग का गठन हो. विधानसभा के सदन में शिवपाल सिंह यादव की मौजूदगी न होने पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आज मैं भी तो विधानसभा में मौजूद नहीं था.उन्होंने कहा कि गठबंधन के सभी दल मजबूती से भाजपा का मुकाबला करेंगे.शिवपाल सिंह यादव की नाराजगी पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि गठबंधन में कोई नाराज नहीं है.

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