योगी सरकार ने की 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की वकालत
पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव एक साथ व एक ही मतदाता सूची से कराने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को कमेटी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी थी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के आधार पर लोकसभा, विधानसभा, पंचायत और नगर निकायों के चुनाव एक साथ और एक ही मतदाता सूची से हो, इसके संबंध में मंगलवार को केंद्र सरकार से सिफारिश की है.
पंचायत से लेकर संसद तक के चुनाव एक साथ व एक ही मतदाता सूची से कराने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को कमेटी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी थी. अगले दिन मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनाथ की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट पर मीडिया को जानकारी दी.
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रदेश के अंदर सभी चुनाव एक साथ हो, एक मतदाता सूची से हो और वयस्क मतदाता को अपना मतदान करने की पूरी स्वतंत्रता व अधिकार मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में एक अभियान जरूरत महसूस की थी. मंशा यह थी कि हर वोटर को वोट करने का अधिकार मिले.
योगी ने कहा, "विश्व के सबसे बड़े हमारे लोकतंत्र में हमें देखना होगा कि चुनाव के नाम पर पांच साल यूं ही न निकल जाएं. हर साल देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं. कभी विधानसभा, लोकसभा तो कभी पंचायत तो कभी निकाय चुनाव होते रहते हैं. सभी अलग-अलग समय पर होते हैं. ऐसे में जब चुनाव अलग-अलग होते हैं, तो चुनावी ड्यूटी पर लगने वाले फोर्स व कर्मियों को कई बार आना-जाना पड़ता है, जिससे कार्य में व्यवधान होता है."
उन्होंने कहा, "यही नहीं, आचार संहिता लगने से विकास कार्य रुक से जाते हैं, ध्यान डायवर्ट हो जाता है और कार्य से फोकस हटता ह. इसलिए हर चुनाव एक साथ हो, पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो और एक ही मतदाता सूची से हो."
योगी ने कहा, "यूपी में हमने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की थी, जिसमें पूर्व चुनाव आयुक्तगण, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, विधि विशेषज्ञ भी थे. हम जानना चाहते थे कि क्या संभव है कि सभी चुनाव (लोकसभा, विधानसभा, निकाय व पंचायत चुनाव) एक साथ और एक वोटर लिस्ट से हो. यही नहीं, वोटर लिस्ट को आधार से लिंक कर दिया जाए, जिससे किसी भी नागरिक की उम्र 18 वर्ष होते ही खुद उसका नाम वोटर लिस्ट में जुड़ जाए."
संविधान की भावना के विपरीत धर्म की राजनीति करने वाले योगी ने कहा, "यदि ऐसा होगा तो यह देश और लोकतंत्र के हित में होगा. इससे लोकतांत्रित अधिकार जागृत होंगे. यही नहीं, चुनी गई सरकारें ज्यादा मजबूती और संवेदनशील ढंग से कार्य कर पाएंगी."