योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की महिलाओं को मिली सुरक्षा की लक्ष्मण रेखा
योगी सरकार ने यूपी में महिलाओं की सुरक्षा की लक्ष्मण रेखा खींच दी है . योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए देश में सबसे सुरक्षित राज्य बन गया है . एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों ने इसकी तस्दीक कर दी है .
लखनऊ, 8 जनवरी : योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने यूपी में महिलाओं की सुरक्षा की लक्ष्मण रेखा खींच दी है . योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए देश में सबसे सुरक्षित राज्य बन गया है . एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों ने इसकी तस्दीक कर दी है . एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 21 बड़े राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में महिला अपराध के आंकड़े सबसे कम हैं . राष्ट्रीय औसत के मुकाबले भी उत्तर प्रदेश में महिला अपराध के मामले कम हैं . मिशन शक्ति (Mission shakti) समेत महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान को लेकर लगातार प्रयास कर रही योगी सरकार यूपी में महिला अपराध रोकने में काफी हद तक सफल रही है. एनसीआरबी (NCRB) के ताजा आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं . महिलाओं के प्रति अपराध के मामले में 2019 में देश का कुल औसत 62.4 फीसदी दर्ज किया गया जबकि उत्तर प्रदेश में 55.4 रहा.
देश के दूसरे बड़े राज्यों पर गौर करें तो 2019 में महाराष्ट्र में महिलाओं के प्रति अपराध का औसत 63.1, पश्चिम बंगाल में 64.0, मध्य प्रदेश में 69.0,राजस्थान में 110.4 और केरल जैसे छोटे राज्य में यह औसत 62.7 रहा . एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में महिलाओं के प्रति अपराध का औसत 2017 में 53.2 और 2018 में 55.7 रहा, जो कि अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है. आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के प्रति अपराध पर लगाम लगाने में योगी सरकार ने कड़ी मशक्कत की है. पुलिस और न्याय प्रक्रिया को महिलाओं के लिए सुलभ किया है. पिछली सरकार में बेकाबू अपराध पर राज्य सरकार ने न सिर्फ नियंत्रण किया बल्कि महिलाओं के गुनाहगारों को जेल के साथ फांसी के तख्ते तक पहुंचाने का रास्ता भी तैयार किया.
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016 में यूपी में दुष्कर्म के 3289 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 2232 रहा . सपा सरकार के 2016 के मुकाबले योगी सरकार 2020 तक दुष्कर्म के मामलों में 32 फीसदी कमी लाने में सफल रही . उत्तर प्रदेश में 2016 में महिला अपहरण के 11121 मामले थे 2020 तक योगी सरकार ने 27 फीसदी कमी लाते हुए इसे 11057 पर रोक दिया . आंकड़ों के मुताबिक अखिलेश सरकार के दौरान 2013 में 2593, 2014 में 2990 और 2015 में 2662 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई. यह भी पढ़ें : योगी सरकार का नए साल पर MBBS और BDS छात्रों को तोहफा, बढ़ाया गया इंटर्नशिप भत्ता, अब हर महीने 7,500 रुपये की जगह मिलेगा 12,000 रुपये
महिलाओं के गुनाहगारों को योगी सरकार ने पहुंचाया फांसी के फंदे तक
बेटियों के गुनाहगारों पर योगी सरकार कहर बनकर टूट रही है. बेटियों पर बुरी नजर डालने वालों को यूपी सरकार कतई बख्शने को तैयार नहीं है . अपराधियों के सजा के आंकड़े खुद इसके गवाह हैं. बलात्कार के मामलों में पांच अपराधियों को फांसी के तख्ते पर पहुंचाने के साथ योगी सरकार ने 193 मामलों में आजीवन कारावास की सजा दिलायी है .
प्रदेश में महिलाओं और बलिकाओं के साथ घटित घटनाओं पर कार्यवाही करते हुए पोक्सों एक्ट के अभियुक्तों के खिलाफ सरकार ने न्यायलय में साक्ष्यों के आधार पर मजबूत पैरवी करते हुए सजा दिलाने का काम किया है . पोक्सों एक्ट में 721 वादों में सजा सुनिश्निचत करायी है . यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश: वाराणसी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योगी सरकार ने उठाया कड़ा कदम, बनाए जा रहे हैं एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन
निर्भया फंड के तहत योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ पुलिस के साथ वूमन पावर लाइन 1090 और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को मजबूत और सक्रिय किया है . प्रदेशभर में एंटी रोमियो स्क्वाड की तैनाती के साथ सादी वर्दी में जगह-जगह महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती,यूपी 112, पेट्रोलिंग, रात्रि सुरक्षा कवक्ष योजना,महिला हेल्प डेस्क के साथ चौराहों पर पिंक बूथ बनाए हैं.