UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले लखीमपुर खीरी मामले से निखरी प्रियंका गांधी की राजनीति, तो BJP के अपने ही लगने लगे बागी!

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से कुछ महीने पहले हुए लखीमपुर खीरी मामले (Lakhimpur Kheri Case) ने सूबे की राजनीति में नया आयाम जोड़ दिया है. जहां एक ओर तमाम दल यूपी चुनाव में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए नए-नए सियासी दांव पेंच चल रहे तो वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) किसानों के इंसाफ की लड़ाई खुद आगे बढ़कर लड़ रहीं है.

प्रियंका गांधी वाड्रा (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से कुछ महीने पहले हुए लखीमपुर खीरी मामले (Lakhimpur Kheri Case) ने सूबे की राजनीति में नया आयाम जोड़ दिया है. जहां एक ओर तमाम दल यूपी चुनाव में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए नए-नए सियासी दांव पेंच चल रहे तो वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) किसानों के इंसाफ की लड़ाई खुद आगे बढ़कर लड़ रहीं है. यहां तक की इस नृशंस घटना के मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की गिरफ्तारी के बाद भी प्रियंका उतनी ही सक्रीय नजर आ रहीं है, जितना वह घटना के दिन थी. यह उनके राजनीतिक परिपक्वता का प्रमाण समझा जा रहा है.

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी हिंसा और किसानों के आंदोलन को लेकर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा और कहा कि देश-विदेश घूमने वाले प्रधानमंत्री अपने आवास से कुछ दूरी पर बैठे किसानों से बात नहीं कर सकते है. BJP की 80 सदस्यीय नई राष्ट्रीय कार्यसमिति घोषित, मेनका गांधी और वरुण गांधी को नहीं मिली जगह

"जय माता दी" के उद्घोष के साथ भाषण की शुरुआत करते हुए प्रियंका ने कहा “इस देश में गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को गाड़ी के नीचे कुचल दिया. लेकिन प्रशासन उसे बचाने में लगा रहा... कहीं ऐसा नहीं हुआ होगा कि हत्या के आरोपी को पुलिस निमंत्रण दे कि आपसे पूछताछ करनी है.” उन्होंने सोनभद्र, उन्नाव, हाथरस की घटनाओं और कोरोना महामारी की दूसरी लहर के समय की स्थिति का उल्लेख करते हुए भी केंद्र और यूपी सरकार पर निशाना साधा.

प्रियंका गांधी ने दावा किया, “मुख्यमंत्री ने आरोपी का बचाव किया, प्रधानमंत्री लखनऊ में उत्सव मनाने आये, लेकिन लखीमपुर खीरी तक नहीं जा सके.” उन्होंने यह दावा किया कि इस सरकार की वजह से देश में लोग न्याय की उम्मीद छोड़ चुके हैं. उन्होंने सवाल किया, “अगर सरकार, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सभी मिले हुए हैं और किसानों की तरफ से मुंह मोड़ लें तो लोग क्या करें?” प्रियंका ने किसान आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा "प्रधानमंत्री अमेरिका जा सकते हैं, जापान जा सकते हैं, देश विदेश घूम सकते हैं, लेकिन अपने घर से 10 मिनट दूर बैठे किसानों से बात नहीं कर सकते."

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए जाते समय हिरासत में लिए जाने और करीब दो दिनों तक पुलिस की अभिरक्षा में रहने के बाद प्रियंका की उत्तर प्रदेश में आज पहली जनसभा थी. इस रैली से से पहले उन्होंने बाबा विश्वनाथ मंदिर और मां दुर्गा मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की. रैली के लिए पहुंची प्रियंका का वाराणसी एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं के जोरदार स्वागत किया.

उधर, बीजेपी सांसद वरूण गांधी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है. रविवार को बीजेपी के दिग्गज नेता ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी में पिछले दिनों हुई हिंसा की घटना को हिन्दू बनाम सिख बनाए जाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह कोशिश ना सिर्फ अनैतिक व गलत धारणा पैदा करने वाली है बल्कि खतरनाक भी है. वरुण गांधी अगर किसानों के लिए लड़ाई को लेकर ईमानदार हैं, तो उन्हें भाजपा छोड़ देनी चाहिए : कांग्रेस नेता

वरूण गांधी किसानों के मुद्दे पर लगातार अपनी राय रख रहे हैं. वें अपनी ही पार्टी की सरकार के विरूद्ध भी आवाज उठाने से नहीं चूक रहे है. कुछ दिन पहले ही उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया था और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करने के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. शनिवार को करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया.

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