UP Election 2022: चौथे चरण में दिख रहा वोटरों का उत्साह, बूथों पर सुबह से लगी लंबी कतार, अब तक इन सियासी सूरमाओं ने डाला वोट
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए मतदान जारी है. आज सुबह 7 बजे से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतार देखी जा रही है. अब तक आम लोगों के साथ ही कई सियासी सूरमाओं ने भी अपने मत का इस्तेमाल किया.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के चौथे चरण के लिए मतदान जारी है. आज सुबह 7 बजे से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतार देखी जा रही है. अब तक आम लोगों के साथ ही कई सियासी सूरमाओं ने भी अपने मत का इस्तेमाल किया. राज्य में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा)-राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का बहुकोणीय मुकाबला है. Assembly Election 2022: चुनाव आयोग ने रैलियों, रोड शो पर 50 फीसदी छूट दी
विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान 624 उम्मीदवार मैदान में हैं. जबकि लखनऊ के नौ जिलों रायबरेली, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, फतेहपुर, पीलीभीत और बांदा के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो जारी है.
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 59 में से 51 सीटों पर जीत हासिल की थी. एक सीट उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने जीती थी. चार सीटों पर सपा ने जीत हासिल की थी, जबकि दो सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर बसपा ने जीत हासिल की थी.
इस चरण में राज्य की राजधानी लखनऊ में भी मतदान हो रहा है, जिसमें नौ विधानसभा सीटें हैं. इनमें से आठ सीटें बीजेपी के पास हैं. इस चरण में लखीमपुर खीरी में भी मतदान हो रहा है, जो किसान विरोध का केंद्र बिंदु बन गया है, खासकर 3 अक्टूबर की घटना के बाद जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की एसयूवी द्वारा चार किसानों को कुचल दिया गया था. आशीष मिश्रा हाल ही में पिछले हफ्ते जेल से जमानत पर छूटे थे. इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहा है और मिश्रा की रिहाई को लेकर खूब हंगामा कर रहा है.
यह चरण भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी 51 सीटों को बरकरार रखने की चुनौती का सामना कर रही है. पार्टी को तराई क्षेत्र में प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है जहां भाजपा सांसद वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुद्दों पर बोल रहे हैं. वह किसान बहुल निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत से सांसद हैं.
सीतापुर में बीजेपी का मुकाबला बागी उम्मीदवारों से है. कांग्रेस के लिए इन चुनावों की सबसे बड़ी चुनौती रायबरेली है जहां इसी हफ्ते चुनाव होने हैं. कांग्रेस विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह दोनों बागी हो गए हैं और भाजपा में शामिल हो गए हैं.
रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है और अगर पार्टी यहां विधानसभा सीटें जीतने में विफल रहती है तो उसे बड़ी शमिर्ंदगी का सामना करना पड़ेगा.
इस चरण में एक और उत्सुकता से देखी जाने वाली सीट लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट है जहां प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह, पूर्व आईआईएम प्रोफेसर और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी अभिषेक मिश्रा के खिलाफ खड़े हैं. उन्नाव इस चरण की सबसे चर्चित सीटों में से एक है जहां कांग्रेस ने भाजपा के मौजूदा विधायक के खिलाफ एक रेप पीड़िता की मां को मैदान में उतारा है.