UP: सपा के गढ़ को जीतने के बाद अब सोनिया और मुलायम को हराने की तैयारी- भाजपा का प्लान 2024

सोनिया गांधी वर्तमान में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोक सभा सांसद है. रायबरेली को नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है. वहीं मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से लोक सभा सांसद है.

भारतीय जनता पार्टी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली,27 जून: सपा के गढ़ आजमगढ़ और पार्टी के संस्थापकों में से एक आजम खान के रामपुर को जीतने से उत्साहित भाजपा अब 2024 लोक सभा चुनाव में विपक्ष को पूरी तरह से साफ करने के मिशन में जुट गई है. देश के मुख्य विपक्षी पार्टी की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गढ़ को भी ढ़हाने की तैयारी भाजपा ने शुरू कर दी है. UP: आजमगढ़ चुनाव के बाद मायावती कार्यकर्ताओं से बोलीं, 2024 तक यही मुस्तैदी बनाए रखने की जरूरत

सोनिया गांधी चुनावी राजनीति में अब तक अजेय रही है वहीं सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बावजूद आज भी उत्तर प्रदेश में मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग मुलायम के नाम पर उनके बेटे अखिलेश यादव को वोट करता है. सोनिया गांधी वर्तमान में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोक सभा सांसद है. रायबरेली को नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है. वहीं मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से लोक सभा सांसद है. प्रदेश की राजनीति में मैनपुरी को यादव परिवार का गढ़ माना जाता है. लेकिन विपक्षी नेताओं और परिवारों के कई गढ़ को ढ़हा चुकी भाजपा अब सोनिया गांधी और मुलायम सिंह यादव को उनके ही घर में जाकर चुनाव में हराने की योजना बना रही है.

दरअसल, 2019 के लोक सभा चुनाव में अमेठी मे राहुल गांधी की हार और हाल ही में आजमगढ़ लोक सभा उपचुनाव में यादव परिवार के धर्मेन्द्र यादव की हार ने भाजपा की एक रणनीति को सही साबित कर दिया है कि लगतार सक्रिय रहने से बड़े से बड़े नेताओं को हराया जा सकता है और अब पार्टी इसी रणनीति को रायबरेली और मैनपुरी में भी विस्तार देने की तैयारी कर रही है.

बताया जा रहा है कि गांधी परिवार और यादव परिवार के इन दोनों गढ़ों को ढ़हाने के लिए भाजपा राष्ट्रीय स्तर से लेकर बूथ स्तर तक कई स्तरों पर तैयारी करेगी. इन दोनों संसदीय क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर मजबूत इन दलों के नेताओं को साथ लेकर क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधा जाएगा. रायबरेली में कांग्रेस की विधायक रही अदिति सिंह को पिछले साल भाजपा में शामिल करवाना इसी रणनीति का एक हिस्सा रहा है जिस पर अब और तेजी से अमल किया जाएगा. इनके जीत के अंतर का बूथवाइज विश्लेषण कर, भाजपा 2024 लोक सभा चुनाव के मद्देनजर बूथ आधार पर रणनीति बनाएगी और जहां जिस मोर्चे को उतारने की जरूरत महसूस होगी, उसे चुनावी माहौल बनाने के लिए उतारा जाएगा.

बसपा के प्रति मुसलमानों के बढ़ रहे रूझान से भी भाजपा उत्साहित है क्योंकि अगर मैनपुरी में मुस्लिम वोटों का बंटवारा होता है तो भाजपा को मुलायम सिंह यादव को हराने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. लेकिन रायबरेली में सोनिया गांधी को हराने के लिए भाजपा जातीय और बूथवाइज समीकरण को साधने के साथ-साथ उन लाभार्थियों पर भी ज्यादा भरोसा करेगी , जिन्हे किसी न किसी मायने में सरकारी योजना का लाभ मिला है.

रविवार को आए उपचुनाव के नतीजों के बाद योगी आदित्यनाथ ने 2024 के लोक सभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने की बात कह कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं. भाजपा आलाकमान और उत्तर प्रदेश भाजपा की पूरी टीम और योगी सरकार आने वाले दिनों में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रायबरेली और मैनपुरी में काम करती नजर आने वाली है.

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