ट्रिपल तालाक कानून की पहली वर्षगांठ पर स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर बोला हमला, कहा- मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने की बजाय वोट बैंक पर दिया ध्यान

तीन तलाक कानून के एक वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री और अमेठी (Amethi) की लोकसभा सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए मुस्लिम महिलाओं की भलाई करने की कोशिश नहीं की. केवल अपने वोट बैंक पर ध्यान लगाया.

स्मृति ईरानी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: तीन तलाक कानून के एक वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री और अमेठी (Amethi) की लोकसभा सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कांग्रेस (Congress) पर जमकर निशाना साधा है. कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए मुस्लिम महिलाओं की भलाई करने की कोशिश नहीं की. केवल अपने वोट बैंक पर ध्यान लगाया.

बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने ट्रिपल तालाक कानून की पहली वर्षगांठ पर एक क्रायक्रम को संबोधित करते हुए कहा “1980 के दशक में कांग्रेस के पास मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय करने के लिए समय और संख्या थी. लेकिन उनके लिए वोट बैंक अधिक महत्वपूर्ण था और मुस्लिम महिलाओं के लिए न्याय नहीं किया. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के जीवन को बेहतर करने का कभी लक्ष्य नहीं रखा.” तीन तलाक कानून ने महिलाओं के सशक्तिकरण में दिया योगदान: जावड़ेकर

वहीं, संसद में ट्रिपल तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) संबंधी कानून पारित होने के एक वर्ष पूरा होने पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि दुनिया के 20 से अधिक इस्लामिक मुल्कों में तीन तलाक पर कानून के जरिए रोक लगाई गई, हिन्दुस्तान को 70 साल क्यों लगे? क्या इसके लिए नरेंद्र मोदी का आना जरूरी था?.

उल्लेखनीय है कि बीजेपी तीन तलाक विरोधी कानून के पारित होने के एक वर्ष पूरा होने को “मुस्लिम महिला अधिकार दिवस” के तौर पर मना रही है. मुख्य कार्यक्रम का आयोजन बीजेपी के केंद्रीय मुख्यालय में किया गया जहां से केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने डिजिटल कांफ्रेंस के जरिये देश के अलग अलग स्थानों से मुस्लिम महिलाओं को संबोधित किया.

गौरतलब है कि मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों का संरक्षण) कानून में मुस्लिम पुरुषों द्वारा तीन तलाक दिये जाने का निषेध किया गया है. कानून का उल्लंघन होने की स्थिति में तीन वर्ष तक की जेल का प्रावधान है.

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