Unemployment Rate in India: बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस का केंद्र पर बड़ा हमला, ग्राफ शेयर कर कहा-'भाजपा राज में बेलगाम बेरोजगारी'

देश में कोरोना वायरस महामारी ने कोहराम मचाया हुआ है. कोविड-19 से संक्रमित मामले भारत में 14 लाख 83 हजार 156 पहुंच गए हैं. कोरोना सहित तमाम मसलों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहने वाली कांग्रेस ने एक बार बेरोजगारी दर को लेकर हमला बोला है. कांग्रेस ने एक ग्राफ के जरिए यूपीए और एनडीए कार्यकाल में जो बेरोजगारी दर है उसकी तुलना करते हुए कहा कि भाजपा राज में बेलगाम बेरोजगारी है.

पीएम मोदी और राहुल गांधी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus Outbreak) महामारी ने कोहराम मचाया हुआ है. कोविड-19 (COVID-19 Pandemic) से संक्रमित मामले भारत में 14 लाख 83 हजार 156 पहुंच गए हैं. कोरोना सहित तमाम मसलों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर हमलावर रहने वाली कांग्रेस (Congress) ने एक बार बेरोजगारी दर (Unemployment Rate in India) को लेकर हमला बोला है. कांग्रेस ने एक ग्राफ के जरिए यूपीए (UPA) और एनडीए (NDA) कार्यकाल में जो बेरोजगारी दर है उसकी तुलना करते हुए कहा कि भाजपा राज में बेलगाम बेरोजगारी है.

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा की सरकार में बेरोजगारी दर में लगातार वृद्धि हो रही है। भाजपा बेरोजगारी दर में हो रही वृद्धि के लिए बेशक कोरोना संकट को जिम्मेदार ठहरा रही हो. लेकिन बेरोजगारी दर में वृद्धि का मुख्य कारण भाजपा संकट है. पिछले छह साल से देश पर भाजपा संकट बना हुआ है. यह भी पढ़ें-भारत में बेरोजगारी दर जून महीने में घटकर 11 फीसदी हुई, मई में थी 23.5 प्रतिशत की ऊंचाई पर: CMIE

ANI का ट्वीट-

कांग्रेस ने ग्राफ में यूपीए और एनडीए कार्यकाल की तुलना की है. जिसमें यूपीए कार्यकाल में 2011-12 के दौरान 2.2 फीसदी बेरोजगारी दर थी. जबकि 2013-14 में बरोजगारी दर 4.9 फीसदी थी. वहीं इसमें कहा है कि 2017-18 में यही बेरोजगारी दर 45 वर्षों में सबसे अधिक 6.1 फीसदी थी. जबकि जून 2020 में बेरोजगारी दर 11 फीसदी पहुंच गई है.'

ज्ञात हो कि इससे पहले इस महीने की शुरुआत में थिंक-टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने आंकड़े जारी कर बताया कि भारत में बेरोजगारी की दर मई में 23 प्रतिशत की तुलना में जून में घटकर 11 प्रतिशत हो गई है.  सीएमआईई ने यह भी कहा कि नौकरियों की कमी शहरी भारत में ग्रामीण इलाकों की तुलना में ज्यादा है.

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