अगरतला, 25 नवंबर: गुरुवार को भाजपा शासित त्रिपुरा में निकाय चुनावों में राजनीतिक हिंसा के आरोपों के बीच 5,94,772 मतदाताओं में से करीब 65 फीसदी ने दोपहर तीन बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. चुनाव आयोग (एसईसी) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा, छिटपुट घटनाओं को छोड़कर किसी बड़ी हिंसा की खबर नहीं है. राजस्थान में 2023 का चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा: सचिन पायलट
अगरतला नगर निगम (एएमसी) और 19 अन्य नगर निकायों - नगर परिषदों और नगर पंचायतों में 3,00,777 महिलाओं सहित कुल 5,94,772 मतदाता वोट डालने के पात्र हैं. सत्तारूढ़ भाजपा ने पहले ही पांच जिलों के सात नगर निकायों में बहुमत हासिल कर लिया है. गुरुवार को 7 नगर परिषदों और 6 नगर पंचायतों की 51 सीटों वाली एएमसी और 171 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं.
विपक्षी दलों द्वारा चुनाव पूर्व हिंसा के आरोपों के बीच, सत्तारूढ़ भाजपा ने जिरानिया, रानीर बाजार, मोहनपुर, पश्चिमी त्रिपुरा के विशालगढ़, संतिर बाजार और दक्षिणी त्रिपुरा में उदयपुर और उत्तरी त्रिपुरा में कमालपुर में 19 शहरी स्थानीय निकायों में 334 सीटों में से 112 (34 प्रतिशत) निर्विरोध जीत ली है. भाजपा, माकपा नेतृत्व वाली लेफ्ट, तृणमूल और कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के कुल 785 उम्मीदवार एएमसी और अन्य नगर निकायों में 222 सीटों के लिए मैदान में हैं.
वोटों की गिनती 28 नवंबर को होगी. माकपा और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं, उम्मीदवारों और चुनाव एजेंटों ने अलग-अलग भाजपा द्वारा कथित कदाचार के विरोध में यहां बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे. हालांकि, बीजेपी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.अगरतला में राज्य पार्टी प्रमुख सुबल भौमिक सहित तृणमूल के 50 से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया है.