तमिलनाडु सरकार का फैसला, राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के लिए राज्यपाल से करेगी सिफारिश
राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने को लेकर सीएम ई के पलनिसामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग बुलाया गया था. जिसके बाद पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने को लेकर यह फैसला लिया गया है.
चेन्नई: तमिलनाडु की ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (DMK ) सरकार पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने को लेकर रविवार को कैबिनेट की एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सरकार ने फैसला लिया है कि वह राजीव गांधी के सभी सातों हत्यारों को रिहा करने के लिए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से सिफारिश करेगी. बता दें कि केंद्र सरकार ने राजीव के हत्यारों को छोड़ने के फैसले का विरोध किया था
तमिलनाडु की सरकार में मंत्री डी जयकुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया की राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने को लेकर सीएम के पलानीस्वामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई थी. जिसके बाद पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने को लेकर यह फैसला लिया गया है. ये भी पढ़े: राजीव गांधी हत्या कांड: मोदी सरकार ने SC से कहा-पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को नहीं कर सकते रिहा
आपको बताना चाहेंगे कि देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु के राज्यपाल से कहा था कि वह वर्ष 1991 में हुए पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी ठहराये गए ए जी पेरारीवलन की दया याचिका पर विचार करें. जिसके बाद न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की एक पीठ ने अभियुक्तों की रिहाई के संबंध में एक प्रस्ताव से जुड़ी केंद्र की याचिका को निस्तारित किया. यह याचिका तमिलनाडु सरकार की तरह से दायर की गई थी. ज्ञात हो कि राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनाव सभा के दौरान एक आत्मघाती महिला ने विस्फोट करके हत्या कर दी गई थी. इस विस्फोट में धनु सहित 14 मारे गए थे. वहीं, इस हत्या कांड में शामिल सभी सातों आरोपी पिछले 27 साल से जेल में बंद है.