धर्मगुरुओं का काम संविधान के दायरे में धर्म प्रचार करना, राजनीतिक दखलंदाजी करना नहीं: बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिशप थियोडोर मस्करेहन्स के उस बयान पर कड़ा ऐतराज व्यक्त किया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो का नयी सरकार को क्रिसमस का गिफ्ट बताना सही है और वह जन भावना को व्यक्त कर रहे थे.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिशप थियोडोर मस्करेहन्स के उस बयान पर कड़ा ऐतराज व्यक्त किया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो का नयी सरकार को क्रिसमस का गिफ्ट बताना सही है और वह जन भावना को व्यक्त कर रहे थे. भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने शुक्रवार को कहा कि बिशप का यह बयान कि वह भाजपा सरकार में असहज महसूस करते थे और इस सरकार की विदाई के लिए रोज विशेष प्रार्थना करते थे और अब नयी सरकार में सब कुछ अच्छा होगा, इनके असली एजेंडा को दिखाता है.
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने भोले-भाले आदिवासियों का लोभ, लालच और भय से धर्मांतरण करने वाली शक्तियों पर शिकंजा कसा था. किसी धर्म विशेष को कभी निशाना नहीं बनाया. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में इन धर्मगुरुओं के द्वारा भाजपा सरकार में असहज महसूस करना और रोज विशेष प्रार्थना करने की बात कहना कई संदेहों को जन्म देता है.
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प्रतुल ने कहा की बिशप थियोडोर मस्करेहन्स ने आने वाली सरकार की बड़ाई करने में सभी सीमाएं पार कर दी और यहां तक कह दिया कि हेमंत सोरेन ने गरीबी देखी है. यदि बिशप शिबू सोरेन के बारे में यह बात कह रहे होते तो जायज होता.
प्रतुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि दरअसल एक धर्म विशेष के धर्मगुरुओं ने लंबे समय से झारखंड के संथाल परगना और खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, रांची जैसे इलाकों में राजनीति में हस्तक्षेप किया है. एक धर्म विशेष के स्थलों से उम्मीदवारों को वोट दिए जाने का फरमान लम्बे समय से सुनाया जाता रहा है.