Maharashtra Govt Formation: महाराष्ट्र के आजाद मैदान में 5 दिसंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह, मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस बरकरार

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए 5 दिसंबर को मुंबई के आज़ाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा. बीजेपी विधायक दल की बैठक 4 दिसंबर को होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के चयन पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. शिवसेना ने मंत्री पदों के वितरण को लेकर अपनी मांगें रखी हैं, और सरकार गठन को लेकर बातचीत जारी है.

राजनीति Shubham Rai|
Maharashtra Govt Formation: महाराष्ट्र के आजाद मैदान में 5 दिसंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह, मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस बरकरार

मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित किया जाएगा. यह जानकारी राज्य के प्रोटोकॉल विभाग के अधिकारियों ने दी. यह समारोह हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता परिवर्तन की औपचारिक शुरुआत होगी. शपथ ग्रहण की तारीख की पुष्टि से यह संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से ही होगा, जो सरकार गठन में प्रमुख भूमिका निभाएगी.

4 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक

बीजेपी ने 4 दिसंबर को अपनी विधायक दल की बैठक बुलाई है, जहां मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय लिया जाएगा. यह बैठक बीजेपी के नेतृत्व में महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बनी हुई है. पार्टी अपनी नेतृत्व विकल्पों पर विचार कर रही है, और इस बैठक से राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है.

शिवसेना की महत्वपूर्ण मांगें और शिंदे का मौन दौरा

इस बीच, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने आज कहा कि उनकी पार्टी को सरकार में गृह विभाग मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी चिंता जताई कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को किनारे करने की कोशिश की जा रही है. शिरसाट ने जोर देकर कहा कि मंत्री पदों का वितरण न्यायपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. 29 नवंबर को शिंदे दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद अपने पैतृक गांव सतारा लौटे थे. इन बैठकों में यह बात सामने आई थी कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा.

मुख्यमंत्री का चयन और मंत्रालयों का वितरण एक प्रमुख मुद्दा

बीजेपी और शिवसेना दोनों ने सरकार गठन में देरी को लेकर अलग-अलग वजहें बताई हैं. शिवसेना ने साफ तौर पर यह कहा है कि वह मुख्यमंत्री के चयन में कोई रुकावट नहीं डाल रही है और अब यह बीजेपी की जिम्मेदारी है. सरकार गठन के बाद मंत्रालयों के वितरण को लेकर भी दोनों पार्टियों के बीच बातचीत जारी है. ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह की तारीख की घोषणा ने इस राजनीतिक अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है.

राजनीतिक हलचल के बीच सभी की नजरें 4 दिसंबर की बैठक पर हैं, जहां मुख्यमंत्री के चयन और मंत्रालयों के वितरण को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. 5 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से महाराष्ट्र की नई सरकार का मार्ग प्रशस्त होगा.

Maharashtra Govt Formation: महाराष्ट्र के आजाद मैदान में 5 दिसंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह, मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस बरकरार

मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित किया जाएगा. यह जानकारी राज्य के प्रोटोकॉल विभाग के अधिकारियों ने दी. यह समारोह हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता परिवर्तन की औपचारिक शुरुआत होगी. शपथ ग्रहण की तारीख की पुष्टि से यह संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से ही होगा, जो सरकार गठन में प्रमुख भूमिका निभाएगी.

4 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक

बीजेपी ने 4 दिसंबर को अपनी विधायक दल की बैठक बुलाई है, जहां मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय लिया जाएगा. यह बैठक बीजेपी के नेतृत्व में महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बनी हुई है. पार्टी अपनी नेतृत्व विकल्पों पर विचार कर रही है, और इस बैठक से राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है.

शिवसेना की महत्वपूर्ण मांगें और शिंदे का मौन दौरा

इस बीच, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने आज कहा कि उनकी पार्टी को सरकार में गृह विभाग मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी चिंता जताई कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को किनारे करने की कोशिश की जा रही है. शिरसाट ने जोर देकर कहा कि मंत्री पदों का वितरण न्यायपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. 29 नवंबर को शिंदे दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद अपने पैतृक गांव सतारा लौटे थे. इन बैठकों में यह बात सामने आई थी कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा.

मुख्यमंत्री का चयन और मंत्रालयों का वितरण एक प्रमुख मुद्दा

बीजेपी और शिवसेना दोनों ने सरकार गठन में देरी को लेकर अलग-अलग वजहें बताई हैं. शिवसेना ने साफ तौर पर यह कहा है कि वह मुख्यमंत्री के चयन में कोई रुकावट नहीं डाल रही है और अब यह बीजेपी की जिम्मेदारी है. सरकार गठन के बाद मंत्रालयों के वितरण को लेकर भी दोनों पार्टियों के बीच बातचीत जारी है. ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह की तारीख की घोषणा ने इस राजनीतिक अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है.

राजनीतिक हलचल के बीच सभी की नजरें 4 दिसंबर की बैठक पर हैं, जहां मुख्यमंत्री के चयन और मंत्रालयों के वितरण को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. 5 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से महाराष्ट्र की नई सरकार का मार्ग प्रशस्त होगा.

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