नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उच्च जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और सभी याचिकाओं को जल्द सुनवाई के लिए एकसाथ नत्थी कर दिया. इसमें तहसीन पूनावाला की याचिका भी शामिल है.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने के सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. पूनावाला द्वारा दायर एक जनहित याचिका में दृढ़ता के साथ कहा गया कि इस तरह का आरक्षण अदालत द्वारा दिए गए कई निर्णयों के विपरीत है.
पूनावाला की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा मंडल आयोग मामले में शीर्ष अदालत के फैसले में 50 फीसदी की अधिकतम सीमा रखी गई थी. इससे पहले शीर्ष अदालत ने एनजीओ यूथ फॉर इक्वलिटी की एक याचिका पर केंद्र व राज्यों से जवाब मांगा था.