नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. पटेल ने याचिका दाखिल कर 2015 के एक दंगा मामले में 2018 में उन्हें दोषी करार दिए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. पाटीदार नेता ने 11 अप्रैल से शुरू हो रहे आम चुनाव में लड़ने के लिए अपना मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस पर रोक लगाने की मांग की थी. पाटीदार नेता 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने मामले पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि जिस मामले की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की गई है वह 2015 से जुड़ा है. मामले में दोषसिद्धि व सजा जुलाई 2018 में सुनाई गई थी.
पटेल को गुजरात के जमनागर सीट से उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा रहा था. उन्होंने अपनी याचिका को रद्द करने के 29 मार्च के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है. उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को अस्वीकार कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि अगर वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो इससे उन्हें अपूरणीय क्षति होगी.
पाटीदार नेता ने मेहसाणा अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की. मेहसाणा अदालत ने 2015 में पटेल आंदोलन के दौरान विसनगर में आगजनी व दंगा मामले में शामिल होने को लेकर उन्हें दोषी करार दिया था. मेहसाणा अदालत ने जुलाई 2018 में उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई थी.