सुप्रीम कोर्ट ने पाटीदार आंदोलन मामले में हार्दिक पटेल को अग्रिम जमानत दी
हार्दिक पटेल, (फोटो क्रेडिट्स: ANI)

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 2015 में गुजरात में पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज मामले में उन्हें छह मार्च तक के लिए अग्रिम जमानत दे दी. पटेल ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी. न्यायमूर्ति यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने इस याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है. पीठ ने कहा, ‘‘मामला 2015 में दर्ज किया गया था और इस मामले में जांच अब भी जारी है. आप एक मामले को पांच साल तक लटका कर नहीं रख सकते.’’

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पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने आरक्षण की मांग को लेकर अहमदाबाद में बड़े पैमाने पर एक रैली की थी. पुलिस ने दावा किया कि इस आयोजन के लिए आवश्यक अनुमति नहीं दी गई थी और इस मामले में ‘‘लोगों के गैरकानूनी ढंग से एकत्र’’ होने की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. कांग्रेस नेता और पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल समुदाय के 2015 के आंदोलन के दौरान हुई कथित पुलिस ज्यादती की जांच कर रहे के ए पुज आयोग के सामने सोमवार को पेश हुए. गांधीनगर में आयोग के सामने पेश होने के बाद पटेल ने कहा, ‘‘ मुझे लिखित बयान देने को कहा गया है. चूंकि मैंने अपना लिखित बयान तैयार नहीं किया था, इसलिए मुझे बुधवार को उसके सामने (फिर) पेश होने को कहा गया. मैं लिखित बयान और सबूत दूंगा.’’

उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के ए पुज की अगुवाई वाले जांच आयोग ने पटेल और आंदोलन के अन्य नेताओं को अगस्त, 2015 के आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा कथित रूप से की गयी ज्यादती के संबंध में अपनी बात रखने के लिए नोटिस दिया था. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के अन्य नेताओं में चिराग पटेल, केतन पटैल और अमरीश पटेल हैं. उन्हें भी आयोग का नोटिस मिला था. पूर्व जिला न्यायाधीश महेंद्र पटेल आयोग के अन्य सदस्य हैं. वह फिलहाल राज्य मानवाधिकार में पदस्थापित हैं.