AIADMK के 18 विधायकों पर 'सुप्रीम' फैसला, सुनवाई के लिए तीसरे जज नियुक्त
खंडित फैसले के बाद न्यायमूर्ति विमला को उच्च न्यायालय द्वारा तीसरे न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 18 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को बरकरार रखा था, जबकि न्यायमूर्ति एम. सुंदर ने आदेश को रद्द कर दिया था.
नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को टी.टी.वी. दिनाकरन से ताल्लुक रखने वाले अन्नाद्रमुक के 17 अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुनवाई के लिए मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त तीसरे न्यायाधीश के स्थान पर न्यायमूर्ति एम. सत्यनारायणन को नियुक्त किया है. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ ने न्यायमूर्ति सत्यनारायणन को तीसरे न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया. वह मद्रास उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली पीठ द्वारा दिए गए खंडित फैसले के बाद मामले पर सुनवाई करेंगे। दिनाकरन गुट ने तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को चुनौती दी थी.
खंडित फैसले के बाद न्यायमूर्ति विमला को उच्च न्यायालय द्वारा तीसरे न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 18 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को बरकरार रखा था, जबकि न्यायमूर्ति एम. सुंदर ने आदेश को रद्द कर दिया था.
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों द्वारा उनकी याचिका मद्रास उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय स्थानांतरित करने वाली याचिका को खारिज कर दिया.
इससे पहले मामले की सुनवाई के लिए नियुक्त तीसरे न्यायाधीश के खिलाफ अयोग्य विधायकों ने अपने आक्षेप को वापस ले लिया था, जिसके बाद अदालत ने न्यायमूर्ति सत्यनारायणन को नियुक्त किया.
तीसरे न्यायाधीश के खिलाफ सभी आक्षेपों को वापस लेने के फैसले का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा, "हम यह मामला न्यायमूर्ति सत्यनारायणन को सौंपना उचित समझते हैं. वह मामले की सुनवाई करेंगे और फैसला सुनाएंगे.