'Judenge Toh Jeetenge': उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव का नया नारा ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ तेजी से चर्चा में है. इस नारे के जरिए अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने और सभी को साथ लेकर चलने का संदेश दिया है. सपा के इस नए अभियान में लखनऊ सहित कई प्रमुख स्थानों पर ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं, जिसमें अखिलेश यादव का चेहरा प्रमुखता से दिखाया गया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी के ‘कटेंगे तो बटेंगे’ जैसी बयानबाजी का जवाब देने के लिए अखिलेश यादव ने यह नारा देकर अपने समर्थकों का हौसला बढ़ाया है.
यह बयान हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान अखिलेश यादव ने दिया, जिसका मुख्य मकसद पार्टी कैडर में बिखराव की अटकलों को दूर करना और यादव वोट बैंक को मजबूत करना है.
सपा ने की पार्टी कार्यकर्याओं को एकजुट करने की कोशिश
#WATCH | Uttar Pradesh: Samajwadi Party (SP) workers put up a poster with the face of party chief Akhilesh Yadav and words 'Judenge Toh Jeetenge' in Lucknow. pic.twitter.com/azdDRDB9yt
— ANI (@ANI) October 31, 2024
दरअसल, हाल के दिनों में कई राजनीतिक समीकरण और मैनपुरी में भाजपा द्वारा उम्मीदवार के चयन ने सपा कैडर में संभावित विभाजन की स्थिति पैदा कर दी है. मैनपुरी की करहल सीट पर सपा ने अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है. वहीं, अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश प्रताप सिंह यादव को भाजपा ने इसी क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. इस प्रकार फूफा-भतीजे के बीच इस मुकाबले में यादव वोट बैंक के बंटने की आशंका जताई जा रही है, जो सपा के लिए चिंता का विषय बन गया है.
इस नए नारे के जरिए अखिलेश यादव ने सभी कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि अगर सपा के सभी सदस्य एकजुट होकर काम करेंगे, तो जीत की राह में कोई रुकावट नहीं आएगी. अखिलेश यादव का यह संदेश न सिर्फ पार्टी के लिए बल्कि यादव समुदाय को जोड़ने की भी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि आगामी चुनावों में सपा अपनी स्थिति को और मजबूत कर सके.