शिवसेना ने केंद्र सरकार पर फिर कसा तंज, सामना में लिखा- राष्ट्रहित के निर्णय में कौन बना बाधा, असहमति देशद्रोह नहीं

शिवसेना (Shiv Sena) ने एक बार फिर अपने मुखपत्र सामना (Mouthpiece Saamna) के माध्यम से केंद्र सरकार पर तंज कसा है. शिवसेना ने दिल्ली में मिली हार के बाद केंद्र सरकार (Central government) पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को काम करना चाहिए. ज्यादा बोलना और डोलना बंद करना चाहिए. शिवसेना ने सामना में लिखा कि दिल्ली की जनता ने बता दिया है. राष्ट्रहित का फैसला लेकर सरकार ने कोई मेहरबानी नहीं की. पीएम मोदी का वाराणसी में कहना कि धारा 370 और नागरिकता कानून को लेकर ये कहना की राष्ट्रहित के फैसले के लिए दबाव बन रहा है लेकिन पीछे हटेंगे नहीं ऐसी भाषा सरकार को नहीं बोलनी चाहिए. ऐसी भाषा सिर्फ तालियां दिला सकती हैं लेकिन वोट किसी और की तरफ जाएंगी.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Photo Credits: IANS)

शिवसेना (Shiv Sena) ने एक बार फिर अपने मुखपत्र सामना (Mouthpiece Saamna) के माध्यम से केंद्र सरकार पर तंज कसा है. शिवसेना ने दिल्ली में मिली हार के बाद केंद्र सरकार (Central government) पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को काम करना चाहिए. ज्यादा बोलना और डोलना बंद करना चाहिए. शिवसेना ने सामना में लिखा कि दिल्ली की जनता ने बता दिया है. राष्ट्रहित का फैसला लेकर सरकार ने कोई मेहरबानी नहीं की. पीएम मोदी का वाराणसी में कहना कि धारा 370 और नागरिकता कानून को लेकर ये कहना की राष्ट्रहित के फैसले के लिए दबाव बन रहा है लेकिन पीछे हटेंगे नहीं ऐसी भाषा सरकार को नहीं बोलनी चाहिए. ऐसी भाषा सिर्फ तालियां दिला सकती हैं लेकिन वोट किसी और की तरफ जाएंगी.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि दिल्ली चुनाव के दौरान पीएम मोदी और अमित शाह ने इसी को मुद्दा बनाया था. लेकिन दिल्ली की जनता का वोट कहीं और गया. सरकार अगर कहती है कि उनके उपर दबाव बन रहा है तो उन्हें स्पष्ट करना चाहिए की कौन दबाव बना रहा है. देशहित में लिया गया फैसला है. इस फैसले में खलल डालना उचित नहीं है.

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब शिवसेना ने केंद्र सरकार पर तंज कसा हो, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे को लेकर सेना ने सामना के माध्यम से कहा था, अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रभावित करने के लिए गुजरात में गरीबी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. मोदी लगभग 15 वर्षो तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं और फिर पांच साल से अधिक समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं. लेकिन अहमदाबाद में मलिन बस्तियों की गरीबी और दुर्दशा को छिपाने की कोशिश की जा रही है.

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