लखनऊ, 7 अक्टूबर: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने आखिरकार अपने भतीजे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से कोई भी उम्मीद छोड़ दी है. उन्होंने कहा बस हो गया, अब मैं लड़ाई के लिए तैयार हूं. मैं जवाब का (अखिलेश से) इंतजार करते-करते थक गया हूं. उन्होंने कहा, "12 अक्टूबर से मैं वृंदावन से 'सामाजिक परिवर्तन यात्रा' निकालूंगा, जो भगवान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि है. "
दिलचस्प बात यह है कि अखिलेश उसी दिन अपनी 'समाजवादी विजय यात्रा' भी शुरू कर रहे हैं. एक सवाल के जवाब में शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उनके कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "पांडवों ने केवल पांच गांव मांगे थे और कौरवों को पूरा राज्य दे दिया था. इसी तरह, मैंने सिर्फ सम्मान मांगा था लेकिन कुछ लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं. "यह भी पढ़े: शिवपाल यादव से मिले असदुद्दीन ओवैसी, कहा शिष्टाचार भेंट
शिवपाल ने कहा, "मैंने बहुत कुछ हासिल किया है, मैं मंत्री भी रहा हूं और अब मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गया हूं. मैंने 22 नवंबर, 2020 को यहां तक कह दिया था कि अगर इच्छा रही तो हम चुनाव भी नहीं लड़ेंगे. यहां तक कि आज मैंने उन्हें (अखिलेश) फोन और मैसेज किया था कि बीजेपी को हराने के लिए बात करना जरूरी है, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. "
उन्होंने आगे कहा, बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए सभी को एकजुट होने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "हालांकि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) नहीं चाहते थे कि मैं सपा छोड़ दूं, लेकिन मैं सपा से अलग हो गया। मैंने पहले भी कहा था कि अगर सभी एकजुट हो गए तो अखिलेश मुख्यमंत्री बनेंगे. "सूत्रों के मुताबिक शिवपाल अब राज्य में अन्य छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन का विकल्प चुनेंगे.