शिवसेना आक्रामक: उद्धव ठाकरे बोले मुख्यमंत्री पद को लेकर ही होगी बात, संजय राउत ने कहा- हमारे पास और विकल्प मौजूद

सत्ता के बंटवारे को लेकर गतिरोध के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने गुरुवार को कहा कि उनका गठबंधन तोड़ने का कोई इरादा नहीं किया है, लेकिन बीजेपी को लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए अपने वादे पर कायम रहना चाहिए.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Photo Credits: PTI)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में पिछले 14 दिनों से सरकार गठन को लेकर बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच खींचतान जारी है. सत्ता के बंटवारे को लेकर गतिरोध के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने गुरुवार को कहा कि उनका गठबंधन तोड़ने का कोई इरादा नहीं किया है, लेकिन बीजेपी को लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए अपने वादे पर कायम रहना चाहिए. वहीं शिवसेना ने अपने विधायकों को पाला बदलने के डर की वजह से दक्षिण मुंबई के एक होटल में ठहराया है.

मुंबई में आयोजित शिवसेना विधायकों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि मैं गठबंधन को नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन मैं चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ जो निर्णय लिया गया था वह लागू किया जाए. उद्धव ने बैठक में कहा 'हम बीजेपी के साथ विचार-विमर्श करेंगे, बशर्ते वे लोकसभा चुनाव के दौरान तय किए गए फैसले से सहमत हों. अगर वे हमें 2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने के लिए तैयार हैं तो मुझे कॉल कर सकते हैं, अन्यथा मुझे कॉल न करें.’ महाराष्ट्र में सरकार गठन पर बीजेपी-शिवसेना के बीच रार बरकरार, नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री बनने की अटकलों पर लगाया विराम

वहीँ, शिवसेना के विधायकों ने महाराष्ट्र में सरकार गठन पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार उद्धव ठाकरे को सौंप दिया. शिवसेना ने दोहराया कि पदों एवं जिम्मेदारियों की समान साझेदारी के फार्मूले को लागू किया जाएगा जिसपर लोकसभा चुनावों से पहले सहमति बनी थी. पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने फिर कहा कि हमारे पास अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए बहुमत के आंकड़े है. हमारे पास और भी विकल्प हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजें आने के बाद से ही बीजेपी और उसके सहयोगी दल शिवसेना में सत्ता में साझेदारी को लेकर पेंच फंसा हुआ है. शिवसेना 50-50 फॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री पद मांग रही है. जबकि बीजेपी मुख्यमंत्री के पद पर कोई समझौता नहीं करना चाहती लेकिन अन्य पदों पर समझौता के लिए तैयार है.

उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध पर कई बार दोनों दलों के दिग्गज नेताओं के बीच विचार विमर्श के बाद भी समाधान नहीं निकल सका. 24 अक्टूबर को आए नतीजों में राज्य विधानसभा की 288 सीटों में से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थी. जिसमें से बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर विजय हासिल की. सूबे में सरकार बनाने के लिए 146 विधायकों का समर्थन आवश्यक है.

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