पटना: पटना साहिब से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने यहां मंगलवार को एकबार फिर अपनी पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपनाते हुए कहा कि बीजेपी में पहले लोकशाही थी और अब 'तानाशाही' है. यहां एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने बीजेपी को अपनी पार्टी बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी पार्टी के खिलाफ नहीं बोला, अब भी पार्टी के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं, बल्कि पार्टी को आइना दिखा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "सच बोलता रहा हूं और बोलता रहूंगा." 'बिहारी बाबू' के नाम से मशहूर फिल्म अभिनेता ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल में बहुत कम समय में जो परिपक्वता आई है, उसे अन्य पार्टी के अध्यक्षों को भी सीखना चाहिए. उन्होंने कहा, "मैं शुरू से ही गांधी परिवार का 'फैन' रहा हूं. मैं जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) से लेकर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) तक का प्रशंसक रहा हूं और अब राहुल का भी प्रशंसक हूं."अ
अगला लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के वाराणसी क्षेत्र लड़ने का संकेत देते हुए उन्होंने कहा, "सिचुएशन' चाहे जो भी हो, लोकेशन यही होगा." बीजेपी में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी में उचित सम्मान न मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी में आज 'वन मैन शो, टू मैन आर्मी' चल रही है. उन्होंने बीजेपी पर व्यक्तिवाद चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी अब पहले वाली नहीं रही. टीवी चैनल के कार्यक्रम में 'शॉटगन' का केंद्रीय मंत्री न बनाए जाने का दर्द भी छलका.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, "मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, मगर क्या किसी टेलीविजन नायिका को सीधे मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेवारी देना कहां तक उचित है?" बीजेपी में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी में उचित सम्मान न मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी में आज 'वन मैन शो, टू मैन आर्मी' चल रही है. उन्होंने बीजेपी पर व्यक्तिवाद चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी अब पहले वाली नहीं रही.
टीवी चैनल के कार्यक्रम में 'शॉटगन' का केंद्रीय मंत्री न बनाए जाने का दर्द भी छलका. उन्होंने एक सवाल के जवाब में नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, "मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, मगर क्या किसी टेलीविजन नायिका को सीधे मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेवारी देना कहां तक उचित है?"