सलमान खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, कहा- शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच होनी चाहिए बातचीत
राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ पिछले 15 दिसंबर से जारी विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी बीच देश की सबसे बड़ी अदालत ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तीन वार्ताकार नियुक्त किए. इनमे वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वकील साधना रामचंद्रन और पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला का समावेश है. इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि मैं हमेशा से इस बात के पक्ष में रहा हूं कि प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच बात होनी चाहिए.
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) और एनआरसी (National Register of Citizens) के खिलाफ पिछले 15 दिसंबर से जारी विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी बीच देश की सबसे बड़ी अदालत (Supreme Court) ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तीन वार्ताकार नियुक्त किए हैं. इनमे वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वकील साधना रामचंद्रन और पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला का समावेश है. अब अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी. इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Congress leader Salman Khurshid) ने कहा कि मैं हमेशा से इस बात के पक्ष में रहा हूं कि प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच बातचीत होनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए दो वकीलों को नियुक्त किया है. यह एक अच्छी बात है. वही शाहीनबाग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमसे जो बात करने आएगा, हम बात करेंगे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो हमें मंजूर होगा. यह भी पढ़े-शाहीन बाग मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा प्रदर्शनकारियों से करो बात
ANI का ट्वीट-
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल 9 दिसंबर को लोकसभा और 11 दिसंबर को राज्यसभा से नागरिकता संशोधन कानून पास कराया था. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सरकार सीएए और एनआरसी को खत्म करने का निर्णय नहीं लेती है तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
गौरतलब है कि शाहीन बाग में पिछले 64 दिन से सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. इसके साथ ही शाहीन बाग का मुद्दा दिल्ली विधानसभा चुनाव में छाया रहा. बीजेपी-आम आदमी पार्टी में लगातार एक दूसरे पर जवाबी हमले भी किये थे.