नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों और सरकार की तनातनी के बीच सियासी पारा भी गर्म है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) किसानों के समर्थन में लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं. इस बीच, शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है. हरसिमरत कौर ने राहुल गांधी से कुछ तीखे सवाल पूछे और कहा कि जब आप इनका जवाब दे दें, फिर किसानों की बात करें. दरअसल राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोग अन्नदाताओं को खालिस्तानी बता रहे हैं. उनके इस बयान पर शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने राहुल गांधी को याद दिलाया कि उनकी दादी पंजाबियों को क्या कहा करती थीं.
हरसिमरत कौर ने ट्वीट किया कि प्रेस कांफ्रेंस और पंजाबियों को खालिस्तानी कहने पर घड़ियाली आंसू बहाने के पहले राहुल गांधी आपको ये बताना चाहिए कि क्यों आपकी दादी पंजाबियों के लिए खालिस्तानी शब्द का इस्तेमाल करती थीं. क्यों आपके पिता ने उन्हें मार डाला और आपने उन्हें क्यों ड्रेग एडिक्ट करार दिया. एक बार जब आप इन सवालों के जवाब दे दें, फिर पंजाब के किसानों की बात करें. Farmers Protest: फिर बेनतीजा रही बैठक, किसान नेता बोले- SC की कमेटी के पास नहीं जाएंगे, सरकार से ही बात करेंगे.
हरसिमरत कौर बादल का ट्वीट:
Before doing PC & crying croc tears at why Pbis being called Khalistanis, you @RahulGandhi should tell why ur grandmother used same words for Pbis, why your father got them slaughtered & why you labelled them as drug addicts? Once u come up with ans then only talk abt Pb farmers.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) January 15, 2021
बता दें कि केंद्र और किसानों के बीच शुक्रवार को हुई नौवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. प्रदर्शनकारी किसान तीन नये विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार ने किसान नेताओं से उनके रुख में लचीलापन दिखाने की अपील की एवं कानून में जरूरी संशोधन के संबंध अपनी इच्छा जतायी . इस दौर की वार्ता के अंत में दोनों पक्षों ने तय किया कि अगली बैठक 19 जनवरी को होगी.
राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों का सम्मान नहीं किया. पार्टी इन कानूनों को वापस लेने तक किसानों के साथ है. मोदी-माया टूट गयी, मोदी सरकार का अहंकार भी टूटेगा लेकिन अन्नदाता का हौसला ना टूटा है, ना टूटेगा. सरकार को कृषि विरोधी कानून वापस लेने ही होंगे!"