राजस्थान का सियासी मामला भले ही अदालत की दहलीज पर पहुंच गया हो लेकिन इसकी सुगबुगाहट अब तक थमी नहीं है. दोनों खेमे के लोग अपनी पूरी तैयारीयों में कोई भी कोरकसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. शायद यही कारण हैं कि साम, दाम, दंड, भेद' से नहीं चुक रहे हैं. एक तरफ जहां पर सचिन पायलट पर सीएम गहलोत के विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा ने आरोप लगाया है कि 35 करोड़ का ऑफर दिया था. वहीं सचिन पायलट ने कोर्ट से नोटिस भेजकर 7 दिनों में माफी मांगने को कहा है. इस बीच अब खबर सामने आई है कि राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों ने मांग की है कि केंद्र सरकार को कानून एवं न्याय मंत्रालय के सचिव के जरिए मामले में एक पक्षकार बनाया जाए.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच राजनीतिक लड़ाई के बीच, सभी निगाहें अब राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) पर टिकी हैं. दरअसल राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके खेमे के 18 विधायकों की याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है. अब कोर्ट 24 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगा. यह भी पढ़ें:- Rajasthan Political Crisis: CM अशोक गहलोत ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- हमारी सरकार को गिराने की हो रही है कोशिश, मेरे दल के महत्वकांक्षी नेता भी शामिल.
ANI का ट्वीट:-
Sachin Pilot & 18 other Congress MLAs file a petition before Rajasthan High Court "humbly praying that Union of India, through Secretary Ministry of Law & Justice (Dept. of Legal Affairs), be made a Party Respondent to the present writ petition in the interest of justice and law" pic.twitter.com/0chh117q7H
— ANI (@ANI) July 22, 2020
वहीं उच्चतम न्यायालय राजस्थान के बर्खास्त उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की याचिका पर गुरूवार को सुनवाई करेगा. दूसरी तरफ सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है. जिसमें बीजेपी के नेता और उनके दल के महत्वकांक्षी लोग शामिल हैं.