'INDIA' से गठबंधन तोड़ देंगे अखिलेश यादव? कहा- पहले पता होता कि ये होने वाला है तो कभी साथ नहीं देता

कांग्रेस पार्टी को खुली चुनौती और धमकी अखिलेश यादव ने दे दी कि मध्य प्रदेश नहीं तो 2024 में उत्तर प्रदेश में गठबंधन भूल जाओ. अब देखना है कि क्या कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आती है या नहीं. क्या वह बची हुई सीटों में समाजवादी पार्टी को समायोजित करती है या फिर अकेले ही लड़नी है.

(Photo Credit : Twitter)

अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के फैसले से नाराज होकर दो टूक कह दिया है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को INDIA गठबंधन के बारे में तय करना है कि यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर होगा या प्रदेश स्तर पर. अगर अभी प्रदेश स्तर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा.

उन्होंने आगे कहा कि  'अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते हमारी पार्टी के लोग और न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को. गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उसपर विचार किया जाएगा' MP Elections 2023: पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश की जनता के नाम लिखा पत्र, लोगों से मांगा समर्थन

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद अब साफ हो गया है कि INDIA गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों एक दूसरे से असहज है. समाजवादी पार्टी को उम्मीद थी कि मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस पार्टी उसके लिए कुछ सीटें जरूर छोड़ देगी. लेकिन हुआ इसके ठीक उल्ट. कांग्रेस ने उन सीटों पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिए, जहां पिछली बार समाजवादी पार्टी जीती थी. यही बात अखिलेश यादव को अखर गई.

अब देखना है कि क्या कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आती है या नहीं. क्या वह बची हुई सीटों में समाजवादी पार्टी को समायोजित करती है या फिर अकेले ही लड़नी है.

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. आयोग के मुताबिक मध्य प्रदेश चुनाव के लिए अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी होगी और नामांकन की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर होगी. नामांकन पत्रों की जांच 31 अक्टूबर को की जाएगी और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख दो नवंबर होगी.

साल 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 230 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीटें जीती थीं और गठबंधन सरकार बनाई थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस चुनाव में 109 सीटें जीती थीं. कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विधायकों के एक गुट के विद्रोह के चलते कमलनाथ अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और मार्च 2020 में उनके नेतृत्व वाली सरकार गिर गई. सिंधिया गुट के विधायकों के समर्थन से बाद में भाजपा सत्ता में लौटी और शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने.

Share Now

\