बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को सीबीआई से राहत के खिलाफ याचिका खारिज

बंबई उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ एक मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करने के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है.

अमित शाह (Photo Credit: File Photo)

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ एक मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करने के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. शोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में निचली अदालत द्वारा अमित शाह को बरी करने के फैसले को सीबीआई ने आगे चुनौती नहीं दी थी.

न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने बंबई लायर्स एसोसिएशन (बीएलए) द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह जनवरी में दाखिल जनहित याचिका (पीआईएल) में मांगी गई राहत प्रदान नहीं कर सकती है. बीएलए ने शाह को 2014 में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बरी करने के आदेश को चुनौती नहीं देने के संबंध में सीबीआई की मंशा पर सवाला उठाया था. यह भी पढ़ें- हैदराबाद में अमित शाह ने भरी हुंकार, कहा- राहुल को नहीं देंगे साढ़े चार सालों का हिसाब, मोदी फिर बनेंगे प्रधानमंत्री

याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने दलील दी कि 2014 में केंद्र में सरकार बदलने के बाद सीबीआई का रुख बदल गया. उन्होंने पूछा कि अगर सीबीआई उसी मामले में दो पुलिस अधिकारियों के आरोपमुक्त करने को चुनौती दे सकती है तो फिर अमित शाह के खिलाफ क्यों नहीं.

सीबीआई की तरफ से अदालत में दाखिल हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने कहा कि ऐसा कोई जरूरी नहीं है कि सीबीआई के लिए अदालत द्वारा आरोपमुक्त किए जाने के हर फैसने को चुनौती देना अनिवार्य हो.

न्यायाधीश ने शुक्रवार के फैसले में कहा, "हम याचिका को खारिज कर रहे हैं. हम उस स्थिति में कोई राहत देने को तैयार नहीं हैं, खासतौर से जब याचिकाकर्ता कोई संस्था हो और उसे मामले में अदालत में दाखिल होने का कोई अधिकार न हो."

वांछित अपराधी शेख और उनकी पत्नी कौसर बी को गांधीनगर के पास एक कथित मुठभेड़ के दौरान 2004 में गुजरात पुलिस ने मार गिराया था. मामले में कुछ बड़े राजनेता और आईपीएस अधिकारियों के नाम आने के कारण काफी खलबली मची थी.

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