अयोध्याः राम मंदिर का मुद्दा चुनाव से पहले फिर गर्माने लगा है. इसी कड़ी में अब वीएचपी और राम मंदिर न्यास के संत रामविलास वेदांती ने एक बड़ा बयान देकर राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है. वेदांती ने कहा है कि 2019 के पहले कभी भी अचानक मंदिर निर्माण शुरू हो सकता है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि रामजन्म भूमि न्यास से जुड़े संत अब एक बार फिर से मंदिर निर्माण के लिए बाबरी विध्वंस के फॉर्मूले को ही अपनाने की बात करने लगे हैं. बीजेपी के पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने कहा, "जिस तरीके से अचानक विवादित ढांचा ध्वस्त किया गया, उसी तरीके से रातों-रात मंदिर निर्माण भी शुरू हो सकता है." उन्होंने साफ तौर पर ये संदेश देने की कोशिश कि मस्जिद तोड़ने के लिए कोई परमिशन नहीं ली गई थी. उसी तरह मंदिर बनवाने के लिए किसी परमिशन की जरुरत नहीं है.
वेदांती यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ही राम मंदिर का निर्माण कर सकती है इसके अलावा कोई और पार्टी नहीं है जो राम मंदिर का निर्माण करा सके. वेदांती ने उम्मीद जताई कि 2019 में फिर भाजपा की सरकार बनेगी और नरेंद्र मोदी भारत के दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे.
वही दूसरी ओर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को अयोध्या दौरे पर हैं. इस दौरान वह महंत नृत्य गोपाल दास के जन्मोत्सव समारोह और शाम को सरयू आरती में भाग लेंगे. योगी के अयोध्या पहुंचने से पहले ही संतों ने राम मंदिर मुद्दे को हवा देनी शुरू कर दी है। संतों ने यह भी कहा है कि संत सम्मेलन में राम मंदिर सबसे बड़ा मुद्दा है.
वेदांती ने कहा था कि यह आरोप सरासर गलत है कि मस्जिद तोड़ी गई. उस जगह पर मस्जिद थी ही नहीं. वहां एक ढांचा था जो राम मंदिर का खंडहर था. जिसे वहां नया राम मंदिर बनाने के लिए तोड़ दिया गया.
गौरतलब है कि वेदांती अयोध्या आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक रहे हैं और बीजेपी के पूर्व सांसद भी हैं, लेकिन वह पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कुछ महीनों का वक्त और देना चाहते हैं.