दिग्गज वकील राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) का रविवार सुबह दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. 95 वर्षीय जेठमलानी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका अंतिम संस्कार आज शाम को दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा. जेठमलानी के परिजनों ने बताया कि वे लगभग एक हफ्ते से बहुत ज्यादा बीमार थे और अपने बेड से भी नहीं उठ पा रहे थे. बीमारी के कारण बेहद कमजोर भी हो गए थे. राम जेठमलानी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट किया, राम जेठमलानी जी के निधन से, भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया. राम जेठमलानी ने न्यायालय और संसद दोनों में समृद्ध योगदान दिया है. वह मजाकिया, साहसी और कभी भी किसी भी विषय पर साहसपूर्वक बोलने से नहीं कतराते थे. पीएम ने लिखा राम जेठमलानी जी के सबसे अच्छे पहलुओं में से एक उनके मन की बात कहने की क्षमता थी और, उन्होंने बिना किसी डर के ऐसा किया.
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पीएम मोदी ने जताया शोक-
In the passing away of Shri Ram Jethmalani Ji, India has lost an exceptional lawyer and iconic public figure who made rich contributions both in the Court and Parliament. He was witty, courageous and never shied away from boldly expressing himself on any subject. pic.twitter.com/8fItp9RyTk
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2019
आपातकाल के काले दिनों के दौरान, उनकी स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को याद किया जाएगा. जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था. मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे राम जेठमलानी के साथ बातचीत करने के कई अवसर मिले. इन दुखद क्षणों में उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना.
परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं-
I consider myself fortunate to have got numerous opportunities to interact with Shri Ram Jethmalani Ji. In these sad moments, my condolences to his family, friends and many admirers. He may not be here but his pioneering work will live on! Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2019
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील श्री राम जेठमलानी के निधन से मुझे दुख हुआ है. वे अपनी विशिष्ट वाक्पटुता के साथ सार्वजनिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते थे. राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित न्यायविद्, विद्वान अधिवक्ता और बुद्धिकौशल का धनी व्यक्तित्व खो दिया है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निधन पर जताया दुख-
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील श्री राम जेठमलानी के निधन से मुझे दुख हुआ है। वे अपनी विशिष्ट वाक्पटुता के साथ सार्वजनिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते थे। राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित न्यायविद्, विद्वान अधिवक्ता और बुद्धिकौशल का धनी व्यक्तित्व खो दिया है।
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 8, 2019
गृहमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया 'हमने न सिर्फ एक महान वकील बल्कि एक महान इंसान को भी खो दिया जो जीवन से भरा था. जेठमलानी जी का जाना पूरे विधि क्षेत्र के लिए बड़ी क्षति है. वह हमेशा कानूनी मामलों में उनकी जानकारी के लिए याद रखे जाएंगे. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.'
एक महान वकील ही नहीं बल्कि एक महान इंसान को भी खोया-
Ram Jethmalani ji’s passing away is a irreparable loss to the entire legal community. He will always be remembered for his vast knowledge on legal affairs. My condolences to the bereaved family. Om Shanti Shanti Shanti.
— Amit Shah (@AmitShah) September 8, 2019
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी राम जेठमलानी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, अनुभवी वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी के निधन पर बेहद दुखी हूं. उनकी प्रतिभा, वाकपटुता, शक्तिशाली वकालत और कानून की समझ कानूनी पेशे में एक योग्य उदाहरण बनी रहेगी. मेरी गहरी संवेदना.
कानूनी इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा नाम-
Extremely saddened at the passing away of legendary lawyer Ram Jethmalani ji. An institution in himself, he shaped criminal law in post-independence India. His void would never be filled and his name will be written in golden words in legal history.
RIP Ram sir
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 8, 2019
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राम जेठमलानी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, राम जेठमलानी अपने आप में एक संस्था हैं. उन्होंने स्वतंत्रता के बाद के भारत में आपराधिक कानून को आकार दिया. उसका शून्य कभी नहीं भरा जाएगा और उसका नाम कानूनी इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा.