
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 से 27 जून के बीच चीन के चिंगदाओ शहर में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं. यह उनकी पहली चीन यात्रा होगी ऑपरेशन सिंदूर के बाद. खास बात ये है कि इस मीटिंग में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी शामिल होंगे.
भारत-चीन रिश्तों में गर्माहट की कोशिश
इस दौरे की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि भारत और चीन के रिश्तों को सामान्य करने की कोशिशें चल रही हैं. दोनों देश व्यापार, यात्रा और बातचीत को फिर से शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके अलावा कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है, और Depsang और Demchok जैसे संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग हो रही है.
चीनी रक्षा मंत्री से होगी अलग मुलाकात
राजनाथ सिंह इस SCO बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन से अलग से मुलाकात करेंगे. इससे पहले इन दोनों की मुलाकात लाओस में ADMM-Plus सम्मेलन में हुई थी, जो सीमा विवाद के समाधान के बाद पहली बातचीत थी.
किन मुद्दों पर हो सकती है बात?
- इस दौरे में भारत और चीन के बीच इन अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है:
- कैलाश मानसरोवर यात्रा को और बेहतर तरीके से शुरू करने की योजना
- हवाई संपर्क (Air Links) को बहाल करना
- हाइड्रोलॉजिकल डेटा (पानी से जुड़ी जानकारी) का आदान-प्रदान
- वीजा प्रक्रिया आसान बनाना और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाना
SCO में भारत का समर्थन
कुछ दिन पहले दिल्ली में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीन के उप विदेश मंत्री सन वेईडोंग के बीच बैठक हुई थी. इस दौरान भारत ने SCO में चीन की अध्यक्षता को लेकर अपना समर्थन दोहराया था. राजनाथ सिंह की चीन यात्रा सिर्फ एक बैठक नहीं है, बल्कि ये भारत-चीन के रिश्तों को पटरी पर लाने की एक बड़ी कूटनीतिक कोशिश है. अब देखना होगा कि इस मुलाकात से जमीन पर क्या बदलाव देखने को मिलते हैं.