राजीव गांधी हत्याकांडः उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी को मद्रास हाईकोर्ट से मिली 30 दिन की पैरोल
राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन को मद्रास हाई कोर्ट ने 30 दिन की पैरोल दी है. राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी को शुरू में मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में तमिलनाडु सरकार ने 24 अप्रैल 2000 को उसकी सजा उम्र कैद में बदल दी थी.
राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi Assassination Case) में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन (Nalini Sriharan) को मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने 30 दिन की पैरोल दी है. इसस पहले मद्रास हाई कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन को छुट्टी की याचिका पर दलील रखने के लिए 5 जुलाई को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने की मंगलवार को अनुमति दे दी थी. नलिनी ने अपनी बेटी की शादी का इंतजाम करने के लिए छह महीने की सामान्य छुट्टी मांगी थी. करीब 27 साल से जेल में बंद नलिनी ने अदालत से वेल्लोर में महिलाओं के विशेष कारागार के अधीक्षक को उसे अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था ताकि वह व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रख सकें.
इससे पहले कोर्ट ने 11 जून को कहा था कि याचिका पर दलील रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने के नलिनी के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता. नलिनी के मुताबिक, उम्रकैद की सजा पाने वाला व्यक्ति दो साल में एक बार एक महीने की छुट्टी पाने का हकदार होता है और चूंकि उसने 27 साल से भी अधिक समय से ऐसी सामान्य छुट्टी नहीं ली है, इसलिए उसने 25 फरवरी को जेल के अधिकारियों से छह माह की छुट्टी देने का निवेदन किया था ताकि वह अपनी बेटी की शादी के लिए इंतजाम कर सके. यह भी पढ़ें- तमिलनाडु को राजीव गांधी हत्याकांड के 7 दोषियों की रिहाई की मांग करनी चाहिए: एम.के.स्टालिन
राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी को शुरू में मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में तमिलनाडु सरकार ने 24 अप्रैल 2000 को उसकी सजा उम्र कैद में बदल दी थी.
भाषा इनपुट