कई सालों तक राजनीति में रहने और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बारे में संकेत देने के बाद, फिल्म अभिनेता रजनीकांत (Rajinikanth), तमिल सिनेमा के सबसे बड़े जीवित आइकन हैं. बार-बार राजनीति में आने के संकेत देने वाले रजनीकांत ने आखिरकार घोषणा कर दी कि वे जनवरी में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे. आने वाली गर्मियों में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के साथ, उनकी एंट्री चुनावों एक नया रंग घोल सकती है, जहां कला, स्टारडम और राजनीति का संगम एक बार फिर दिखाई देगा.
तमिल राजनीति में फिल्मी हस्तियों का प्रवेश नई बात नहीं है. सीएन अन्नादुरई और एम करुणानिधि, जो पहले लेखक हुआ करते थे, दोनों ने राजनीति में आने के बाद शीर्ष स्तर के नेता बने. अभिनेता एमजी रामचंद्रन, जयललिता आज भी यहां के लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. वहीं कमल हासन की मक्कल निधि मइयम धीरे-धीरे अपना दायरा बढ़ा रही है.
70 वर्षीय रजनीकांत ने कहा है कि उनकी पार्टी अगले साल अप्रैल-मई में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने "आध्यात्मिक राजनीति के उद्भव" और "एक आश्चर्य" का वादा किया है क्योंकि उनका मानना है कि किसी भी राज्य में राजनीतिक परिवर्तन हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण होता है.
अवसर
तमिलनाडु में राजनीति के स्कोप की बात करें तो करीब तीन दशकों तक इस राज्य ने केवल दो मुख्यमंत्रियों को देखा- एम करुणानिधि और जे जयललिता और अब दोनों ही हमारे बीच नहीं हैं. रजनीकांत ने पहली बार 31 दिसंबर, 2017 को सार्वजनिक रूप से राजनीति में उतरने के अपने इरादे का खुलासा किया था. अभिनेता के पास एक बड़ा प्रशंसक आधार और एक साफ छवि है और वे अन्नाद्रमुक और द्रमुक के नए नेतृत्व के लिए एक कठिन प्रतिद्वंद्वी साबित हो सकते हैं.
चुनौतियां
अपनी पार्टी को चुनाव के लिए तैयार करने में बमुश्किल पांच महीने बचे हैं, रजनी को सहयोगियों की तलाश करनी होगी. उनकी सूची में भाजपा हो सकती है. रजनीकांत का झुकाव भाजपा की तरफ है, यह बात किसी से छिपी नहीं है. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा ख़त्म होने के बाद रजनीकांत ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तुलना भगवान कृष्णा और अर्जुन से की थी. भाजपा भी तमिलनाडु में अपनी किस्मत बदलने के लिए उनसे उम्मीद कर रही है. पट्टली मक्कल काची के साथ-साथ छोटे दलों को भी उनके संभावित सहयोगी के रूप में देखा जा रहा है.
राजनीतिक प्रेम
1996 में रजनीकांत ने डीएमके समर्थित तमिल माणिला कांग्रेस (टीएमसी) गठबंधन का समर्थन किया था. 2004 में उन्होंने भाजपा समर्थित अन्नाद्रमुक गठबंधन का समर्थन किया था. 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले उनकी पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत मुलाकात सुर्खियों में रही थी.