राजस्थान में मचा सियासी घमसान अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजनीति के मंच से उतरकर अब मामला अदालत की चौखट पर जा पहुंचा है. एक तरफ जहां सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का खेमा है तो वहीं दूसरी तरफ सचिन पायलट हैं. जिनका बागी तेवर अब तक नरम नहीं पड़ा है. उन्होंने अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला है उसे पीछे लेने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं राजस्थान में कांग्रेस की कारवाई के बाद सचिन पायलट न तो पार्टी छोड़ने का फैसला ले पा रहे हैं और न ही आगे की रणनीति का खुलासा कर रहे हैं. राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट (Sachin Pilot) समेत 18 विधायकों ने याचिका दाखिल कर स्पीकर के नोटिस को रद्द करने की मांग की है.
इस मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कल के लिए टाल दी है. इससे पहले सचिन पायलट गुट की तरफ से प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा.जबकि राजस्थान सरकार की तरफ से कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा.कोर्ट में वकील साल्वे ने सचिन पायलट गुट का पक्ष रखते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का नोटिस वैध नहीं है इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए.
ANI का ट्वीट:-
Hearing before the Assembly Speaker shall stand deferred to 5 pm tomorrow: Deputy Registrar (Judicial), Rajasthan High Court https://t.co/kiVaBtHyzU
— ANI (@ANI) July 16, 2020
गौरतलब हो कि राजस्थान में सचिन पायलट के बगावती तेवर के कारण काग्रेस संकट का सामना कर रही है, वहीं पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने, चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाने और कोरोनावायरस संबंधी मुद्दों को उठाने में व्यस्त हैं. तो दूसरी तरफ पायलट को लेकर बीजेपी भी पसोपेश में है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया तक खुले तौर पर पायलट को पार्टी में आने का ऑफर दे चुके हैं. लेकिन पायलट बीजेपी को ज्वाइन करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं.