लोकसभा चुनाव 2019: EC को राहुल गांधी का जवाब, मेरे बयान आचार संहिता का उल्लंघन नहीं, कार्रवाई निष्पक्ष हो
11 पन्नों में दिए गए जवाब में कि जब शहडोल में उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने ऐसा कानून बनाया है जिसमें आदिवासियों को गोली मारने की अनुमति दी गई है तो उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था. राहुल ने कहा कि मेरा बयान आदिवासियों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके लिए बनाई मोदी सरकार की नीतियों पर था.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आचार संहिता उल्लंघन (Model Code of Conduct) के मामले में चुनाव आयोग में जवाब दाखिल किया. जिसमें राहुल ने शहडोल में दिए अपने बयान पर सफाई और आयोग को निष्पक्ष कार्रवाई करने की नसीहत दी. 11 पन्नों में दिए गए जवाब में कि जब शहडोल में उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने ऐसा कानून बनाया है जिसमें आदिवासियों को गोली मारने की अनुमति दी गई है तो उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था. राहुल ने कहा कि मेरा बयान आदिवासियों के खिलाफ नहीं बल्कि उनके लिए बनाई मोदी सरकार की नीतियों पर था.
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Election Commission) से यह भी कहा है कि वह आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों का निपटारा करते वक्त निष्पक्ष रहे और कांग्रेस के खिलाफ भेदभावपूर्ण रवैया न अपनाए. राहुल ने कहा कि भाषण में उन्होंने भारतीय वन कानून में हुए संशोधन को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया था. चुनावी रैली के भाषण की लय में यह शब्द बोल दिए थे. इसके पीछे जनता को गुमराह करने या झूठ फैलाने की कोई मंशा नहीं थी.
यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: EC ने बंगाल के दो पोलिंग बूथों पर हुए मतदान को किया रद्द, 12 मई को दोबारा होगी वोटिंग
दरअसल राहुल गांधी ने 23 अप्रैल को मध्यप्रदेश के शहडोल में कहा था कि मोदी सरकार एक ऐसा कानून लेकर आई है, जिसके तहत आदिवासियों को गोली मारी जा सकती है. वे आपकी जमीन और जंगल पर कब्जा कर सकते हैं. इसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
राहुल गांधी ने कहा कि भाषणों में मोदी सरकार के कामकाज की आलोचना करना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है. शहडोल में बीजेपी की आदिवासी विरोधी नीतियों को लेकर दिया गया था. इसलिए शिकायत को रद्द किया जाए.'' राहुल ने कहा कि उनकी आलोचना मोदी सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और कार्यों तक ही सीमित थी.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकारी नीतियों की खामियों और खासियतों को जनता के सामने रखना और उन्हें उनपर निर्णय लेने के लिए कहना लोकतंत्र के लिए जरूरी है. कांग्रेस अध्यक्ष ने आयोग को यह भी बताया कि बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि वह एक राजनीतिक पार्टी के प्रमुख हैं और उसके स्टार प्रचारक भी हैं.