राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश वापस ले ली है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में मिली भारी हार के बाद उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शनिवार को यह पेशकश की थी. पार्टी के एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा, "राहुल जी ने रविवार को पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफे की पेशकश को वापस ले लिया है." सूत्र ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी तय की जाएगी और इस संबंध में कार्रवाई अगले 10 दिनों में की जाएगी. लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के मद्देनजर राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में शनिवार को पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. कार्यसमिति की बैठक में हालांकि उनकी पेशकश को सर्वसमिति से ठुकरा दिया गया था, लेकिन वह अपने फैसले पर जोर दे रहे थे.
सूत्रों ने कहा कि कार्यसमिति ने देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेतृत्व को लेकर चिंता जताने के बाद गांधी ने इस्तीफे की पेशकश वापस ले ली है. कार्यसमिति ने गांधी को पार्टी में हर स्तर पर आमूलचूल परिवर्तन के लिए अधिकृत किया है. ऐसा बताया जाता है कि गांधी ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कमलनाथ ने अपने बेटों को टिकट देने के लिए कहा था, जबकि पार्टी अध्यक्ष का मत था कि वे पार्टी संगठन में बड़ी भूमिका निभाएं.
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री के बेटे नकुलनाथ ने जहां छिंदवाड़ा से जीत हासिल की, वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर से चुनाव हार गए. गांधी ने कहा कि गहलोत ने पार्टी की अन्य जिम्मेदारियों के बजाय जोधपुर में चुनाव प्रचार में करीब एक सप्ताह का समय दिया. गांधी ने इसी तरह की बात पी. चिदंबरम के लिए कही, जिन्होंने अपने बेटे कार्ति चिदंबरम के लिए तमिलनाडु के शिवगंगा से टिकट मांगा था. यह भी पढ़ें- CWC बैठक के बाद रणदीप सुरजेवाला ने कहा- राहुल गांधी ने की इस्तीफे की पेशकश, सदस्यों ने एकमत से किया खारिज
कार्ति चिदंबरम ने तमिलनाडु में आठ अन्य उम्मीदवारों के साथ जीत हासिल की है. गांधी ने कहा कि इन वरष्ठि नेताओं ने पार्टी के बजाय अपने बेटों में ज्यादा दिलचस्पी ली. ऐसा कहा जाता है कि गांधी ने कहा कि चिदंबरम ने बेटे को टिकट न मिलने की सूरत में पार्टी से निकल जाने की बात कही थी.