SAD-BSP Alliance In Punjab: पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन का सिलसिला अभी से ही शुरू हो गया है. चुनाव से पहले शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने शनिवार को घोषणा की कि उसने राज्य में होने वाले चुनावों के लिए मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ गठबंधन किया है. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि बसपा 117 में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी. पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन होने पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने बधाई के साथ ही शुभकामनाएं दी है.
बीएसपी प्रमुख मायवती के अधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर कहा गया कि पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन यह एक नया राजनीतिक व सामाजिक पहल है, जो निश्चय ही यहाँ राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरूआत करेगा. इस ऐतिहासिक कदम के लिए लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. यह भी पढ़े: Punjab Assembly Elections 2022: शिरोमणि अकाली दल और BSP का गठबंधन, पंजाब में मिलकर लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
1.पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन यह एक नया राजनीतिक व सामाजिक पहल है, जो निश्चय ही यहाँ राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरूआत करेगा। इस ऐतिहासिक कदम के लिए लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) June 12, 2021
वहीं दूसर दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि वैसे तो पंजाब में समाज का हर तबक़ा कांग्रेस पार्टी के शासन में यहाँ व्याप्त गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी आदि से जूझ रहा है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं व महिलाओं आदि पर पड़ रही है, जिससे मुक्ति पाने के लिए अपने इस गटबन्धन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी है.
2. वैसे तो पंजाब में समाज का हर तबक़ा कांग्रेस पार्टी के शासन में यहाँ व्याप्त गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी आदि से जूझ रहा है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं व महिलाओं आदि पर पड़ रही है, जिससे मुक्ति पाने के लिए अपने इस गटबन्धन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी। 2/3
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वहीं इस घड़ी को बीएसपी के सांसद सतीश मिश्रा ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि गठबंधन पंजाब की सबसे बड़ी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के साथ हुआ है. उन्होंने कहा, "1996 में बसपा और अकाली दल दोनों ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार गठबंधन नहीं टूटेगा. उन्होंने आगे कहा, "हम कांग्रेस के नेतृत्व में भ्रष्टाचार और घोटालों को खत्म करने के लिए काम करेंगे। वर्तमान सरकार दलित और किसान विरोधी है, जबकि हम सभी के कल्याण और विकास के लिए काम करेंगे. (इनपुट एजेंसी के साथ)