Farmers Protest: कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे राहुल गांधी, हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सोमवार सुबह दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आए. राहुल गांधी ने ट्रैक्टर पर सवार होकर कृषि कानूनों का विरोध किया.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सोमवार सुबह दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आए. राहुल गांधी ने ट्रैक्टर पर सवार होकर कृषि कानूनों का विरोध किया. इस ट्रैक्टर के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ पोस्टर चिपका था. जिसपर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, "किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानून वापिस लो- वापिस लो." राहुल गांधी ने कहा, "सरकार के अनुसार, किसान बहुत खुश हैं और जो (विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान) बाहर बैठे हैं वे आतंकवादी हैं. लेकिन हकीकत में किसानों के अधिकार छीने जा रहे हैं." Farmers Protest: किसानों के आंदोलन पर भड़की बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी, कहा- वे किसान नहीं मवाली हैं.
इस बीच दिल्ली पुलिस ने CRPC की धारा 144 का उल्लंघन कर ट्रैक्टर मार्च निकालने पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला, युवा कांग्रेस प्रमुख श्रीनिवास बीवी और कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है.
हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेता
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों को इस विरोध में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों का साथ मिल रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को राहुल गांधी ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे. राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर रणदीप सुरजेवाला सहित कई अन्य कांग्रेसी नेता सवार दिखे.
राहुल गांधी का ट्रैक्टर मार्च
राहुल गांधी ने कहा, "मैं संसद में किसानों का संदेश लाया हूं. वे (सरकार) किसानों की आवाज दबा रहे हैं और संसद में चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. उन्हें इन काले कानूनों को निरस्त करना होगा. पूरा देश जानता है कि ये कानून 2-3 बड़े कारोबारियों के पक्ष में हैं."
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाई जा रही है. हर दिन 200 किसान जंतर-मंतर पर संसद कर रहे हैं. किसान पिछले करीब एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि तीनों कानून वापस हो, लेकिन सरकार का कहना है कि कानून वापस नहीं होंगे. केंद्र बातचीत के बाद कानून में बदलाव के लिए तैयार है लेकिन किसान कानून वापसी की मांग पर डटे हैं.