प्रयागराज, 11 फरवरी: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम तट पर पहुंचकर नाव से उस पार गईं और संगम में डुबकी लगाई और पूजन किया. प्रियंका गांधी वाड्रा खुद ही नाव चलाते हुए घाट पर पहुंचीं. वाड्रा ने गुरुवार को प्रयागराज (Prayagraj) के अपने दौरे पर पुरखों की कार्यस्थली आनंद भवन में बैठक करने के बाद संगम पर बेटी के साथ पूजा-अर्चना की. आराधना मिश्रा मोना और दिल्ली से साथ आईं दो अन्य सहयोगियों ने भी स्नान किया. इस दौरान आसपास कड़ी सुरक्षा थी. स्नान के बाद सभी फिर अरैल घाट पहुंचे. यहां से वह सरस्वती घाट स्थित मनकामेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुईं. मंदिर में पूजा अर्चना के बाद वह द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से मुलाकात करने पहुंची. इस दौरान सुरक्षा घेरा तोड़कर एक छात्रा से भी प्रियंका मिलीं.
इसी बीच भीड़ में से सीमा सिंह निवासी नैनी ने जब आवाज दी तो प्रियंका सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए उसके पास पहुंच गईं और बातचीत करते हुए उसे अपने साथ अपनी गाड़ी तक ले आईं. यह लड़की बीटीसी कर रही है. इससे पहले संगमनगरी प्रयागराज में अपने पुरखों के स्मृति स्थल आनंद भवन आकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भाव विभोर हो गईं. अपने बच्चों के साथ प्रयागराज पधारीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने पैतृक आवास आनंद भवन में अपने पुरखों को याद किया. यह भी पढ़ें : WB Assembly Election 2021: बंगाल चुनाव मोदी के ‘विकास’ और ममता के ‘विनाश’ मॉडलों के बीच मुकाबला- अमित शाह
उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की स्मृतिका पर पुष्पांजलि के साथ ही पंडित मोती लाल नेहरू व इंदिरा गांधी को भी नमन किया. इसके बाद बैठक की और फिर यहां पर स्वराज भवन ट्रस्ट से जुड़े कर्मचारियों के स्वजन से भी मुलाकात की. उन्होंने स्वराज भवन ट्रस्ट के संचालित अनाथालय में रहने वाले बच्चों के साथ भी कुछ पल बिताया. वह कुल एक घंटे तक यहां रूकीं.